Skip to content

इसलिए लंदन में भारतीय मूल की महिला को सलाखों के पीछे भेजा गया

ब्रिटेन में लॉटरी चलाने वाली कंपनी को तब शक हुआ जब नरेंद्र गिल ने उन्हें फोन किया। पूछताछ के दौरान महिला इधर-उधर की बातें करने लगी। बाद में महिला ने कंपनी के अधिकारी से कहा कि उन्हें लॉटरी का टिकट उपहार में दिया गया है। उन्हें नहीं पता था कि इसे कहां से खरीदा गया था।

कहावत है कि लालच बुरी बला है। एक बार किसी के मन में लालच आ गया तो फिर व्यक्ति जाने-अनजाने अपना ही नुकसान कर बैठता है। कुछ ऐसा ही हुआ लंदन में रहने वाली भारतीय मूल की एक महिला के साथ। लालच की वजह से उन्हें अपनी करनी की फल भुगतना पड़ा। ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय मूल की महिला नरेंद्र गिल को 28 महीने की कैद की सजा सुनाई है। दरअसल, 51 साल की महिला ने लालच में आकर लॉटरी में एक करोड़ रुपये का इनाम जीतने वाले एक बुजुर्ग से ठगी की कोशिश की थी।

नरेंद्र गिल उत्तरी इंग्लैंड के शहर लीड्स स्थित एक शॉपिंग सेंटर में एक दुकान में मैनेजर हैं। 

नरेंद्र गिल उत्तरी इंग्लैंड के शहर लीड्स स्थित एक शॉपिंग सेंटर में एक दुकान में मैनेजर हैं। उन्होंने 81 साल के फ्रैंक गोलैंड के लॉटरी टिकट की संख्या का मिलान किया। गोलैंड के लॉटरी की टिकट की संख्या को देखकर महिला समझ गई कि बुजुर्ग को करोड़ों रुपये मिलने वाले हैं। इसके बाद महिला के मन में लालच आ गया। उन्होंने बुजुर्ग से झूठ बोला कि उनकी लॉटरी नहीं लगी है और टिकट अपने पास रख लिया। इसके बाद बुजुर्ग अपने घर चले गए। लेकिन लॉटरी कंपनी को महिला पर शक हुआ और मामला पुलिस के पास पहुंच गया। इसके बाद अदालत ने गिल को चोरी और धोखाधड़ी के आरोप में 28 महीने की कैद की सजा सुनाई। सजा सुनाने के दौरान जज ने दो बच्चों की मां गिल को अविश्वसनीय रूप से निर्मम और क्रूर बताया और उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया। जज ने कहा कि इन जगहों पर काम करने वाले लोगों को यह संदेश सुनने की जरूरत है कि कोई अपनी स्थिति का दुरुपयोग नहीं कर सकता। भरोसा बहुत जरूरी है।

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest