भारत-ब्रिटेन के बीच FTA बातचीत क्यों रोकना चाहती हैं MP नादिया?

भारतीय मूल की ब्रिटिश सांसद नादिया व्हिटोम ने हाउस ऑफ कॉमन्स में एक प्रस्ताव पेश किया है। इसमें मणिपुर में जातीय हिंसा के मद्देनजर ब्रिटेन से भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर चल रही बातचीत रोकने की मांग की गई है। नॉटिंघम ईस्ट से लेबर पार्टी के सांसद का कहना है कि एफटीए वार्ता को तब तक रोक दिया जाना चाहिए जब तक मणिपुर में कथित हिंसा जारी है।

इस प्रस्ताव पर 21 अन्य सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। प्रस्ताव में ब्रिटिश सरकार से मणिपुर में कथित तौर पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा भारत सरकार के समक्ष उठाने का भी आग्रह किया गया है। नादिया का कहना है कि ब्रिटेन का भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है। नादिया ने एक्स पर लिखा है कि मणिपुर में लोगों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।

इस महीने की शुरुआत में पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है मणिपुर में चल रहे कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन, जिसमें यौन हिंसा, हत्याएं, घरों में तोड़फोड़, विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के मामले शामिल हैं। यह मुख्य रूप से एक समूह के लोगों के खिलाफ हैं, जो एक आदिवासी समुदाय है और ईसाई है।

नादिया के पिता पंजाबी हैं और 21 साल की उम्र में वह पंजाब से ब्रिटेन आए थे। उनकी मां एक कैथोलिक ईसाई हैं और लेबर पार्टी की पूर्व सदस्य हैं। नादिया का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने इस मामले में भारत की धीमी और अपर्याप्त प्रतिक्रिया के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है। प्रस्ताव में कहा गया है कि मानवाधिकार उल्लंघन व्यापक हमलों के हिस्से के रूप में होते हैं।

नादिया का कहना है कि तनाव के ऐसे कारण भी हैं जिनका स्पष्ट रूप से एक लंबा इतिहास रहा है जो उससे पहले का है। मुझे लगता है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से एक ऐसा तरीका खोजने का प्रयास किया जा रहा है जिससे सामान्य स्थिति की भावना लौटे। वहां पर्याप्त कानून-व्यवस्था लागू हो ताकि हिंसा की घटनाएं न हों।