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भारतीय मूल के उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ीं, नामांकन पत्र में गलत पता बताने का आरोप, सजा भी संभव

लिबरल पार्टी के उम्मीदवार विवियन लोबो देश की सबसे सीमांत सीट लिली से चुनाव लड़ रहे हैं। भारत के बेंगलुरु के रहने वाले लोबो साल 2010 में एक छात्र के रूप में ब्रिस्बेन आए थे। पते की गलत जानकारी देना एईसी के अनुसार नामांकन धोखाधड़ी माना जाता है और इसके लिए 12 महीने तक कारावास की सजा हो सकती है।

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में भारतीय मूल के एक उम्मीदवार का चुनावी अभियान संकट में आ गया है। ऑस्ट्रेलियन इलेक्टोरल कमीशन (AEC) ने प्रत्याशी के खिलाफ चुनावी फ्रॉड के लिए ऑस्ट्रेलियन फेडरल पुलिस (AFP) को जांच करने के लिए कहा है।

लिबरल पार्टी के उम्मीदवार विवियन लोबो देश की सबसे सीमांत सीट लिली (Lilley) से चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट वर्तमान में 0.6 फीसदी के अंतर से लेबर पार्टी के पास है। इस सीट से पार्टी ने पहले दूसरा उम्मीदवार उतारा था लेकिन मार्च 2022 में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद लोबो को प्रत्याशी बनाया गया।

मूल रूप से भारत के बेंगलुरु के रहने वाले लोबो साल 2010 में एक छात्र के रूप में ब्रिस्बेन आए थे। वर्तमान में वह टोरेंस यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे हैं और एक उच्च शिक्षा प्रदाता के साथ एडमिनिस्ट्रेटिव मैनेजर के तौर पर काम कर रहे हैं।

AEC ने एक बयान में कहा है कि इस बात की संभावना है कि लोबो ने अपने नामांकन पत्र में अपने आवासीय पते के बारे में गलत जानकारी दी है। पते की गलत जानकारी देना एईसी के अनुसार नामांकन धोखाधड़ी माना जाता है और इसके लिए 12 महीने तक कारावास की सजा हो सकती है।

लोबो की यह कथित फर्जी कथित घोषणा 'द ऑस्ट्रेलिया' की ओर से की गई एक जांच में सामने आई थी जिसकी रिपोर्ट हाल ही में प्रकाशित हुई थी। इसमें एक वीरान और खाली घर की तस्वीर दिखाई गई है जो एवर्टन पार्क में स्थित है। रिपोर्ट के अनुसार लोबो ने इस घर को अपने नामांकन पत्र में अपना वर्तमान पता बताया है।

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