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क्या सिंगापुर में फांसी से बच पाएगा नागेंद्रन, जल्द होने वाला है निर्णय

नागेंद्रन के वकील एम रवि ने दलील दी है कि नागेंद्रन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है और उसे मादक पदार्थ के तस्कर के रूप में नहीं देखना चाहिए। उन्होंने अदालत से मनोचिकित्सकों के एक पैनल द्वारा नागेंद्रन की मानसिक स्थिति की जांच कराए जाने का भी अनुरोध किया है।

सिंगापुर में दुनिया के सबसे कठोर ड्रग्स कानून हैं। इस मामले में दोषी पाए जाने पर फांसी की सजा दी जाती है। लेकिन भारतीय मूल के नागेंद्रन धर्मलिंगम को इस मामले में फांसी की सजा को लेकर वहां के लोग सकते में हैं। लोग सरकार से नागेंद्रन की सजा को माफ करने की अपील कर चुके हैं। इसकी वजह यह है कि नागेंद्रन मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया गया है। अब इस मामले में मौत की सजा के खिलाफ नागेंद्रन की अपील पर सिंगापुर की शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ 24 जनवरी को सुनवाई करेगी।

भारतीय मूल के मलेशियाई नागरिक नागेंद्रन (33 वर्ष) ने मौत की सजा के फैसले को सिंगापुर की शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश सुंदरेश मेनन, न्यायमूर्ति एंड्रयू फांग, न्यायमूर्ति जूडिथ प्रकाश, न्यायमूर्ति बेलिंडा एंग और न्यायमूर्ति चाओ हिक टिन वाली पांच सदस्यीय पीठ द्वारा की जानी है। बता दें कि नागेंद्रन को मलेशिया से सिंगापुर में घुसते हुए 2009 में गिरफ्तार किया गया था। उसे 2010 में 42.72 ग्राम हेरोइन की तस्करी करने का दोषी ठहराया गया था और मौत की सजा सुनाई गई थी। सिंगापुर के कानून के मुताबिक 15 ग्राम से अधिक हेरोइन के साथ पकड़े जाने पर फांसी की सजा है।

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