कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दुनिया पर अपनी अलग छाप छोड़ते हैं। ऐसा वह केवल अपने टैलैंट के बल पर नहीं करते बल्कि ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि इस मुकाम को हासिल करने में उनकी यात्रा कई अन्य लोगों के लिए प्रेरणा गई होती है।

आज की कहानी सुष्मिता वुप्पला नामक एक एनआरआई महिला की यात्रा पर आधारित है कि किस तरह वह महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई हैं। सुष्मिता को बचपन से ही गाने और मंचों पर प्रस्तुतियां देने का शौक था।