जहां एक तरफ नवंबर 2022 में कतर में फुटबॉल विश्व कप होने वाले हैं वहीं कतर सरकार ने कथित तौर पर भारतीय प्रवासी श्रमिकों को अवैतनिक मजदूरी के खिलाफ एक दुर्लभ विरोध प्रदर्शन करने के लिए निर्वासित कर दिया।
लंदन स्थित श्रम अधिकार अभियान संगठन इक्विडेम के अनुसार इस महीने की शुरुआत में दोहा में विरोध के दौरान कम से कम 60 श्रमिकों ने अल बांदरी कंपनी के बाहर यातायात को रोक दिया था। इनमें कुछ को कथित तौर पर सात महीने से भुगतान नहीं किया गया था। इक्विडेम के प्रमुख मुस्तफा कादरी ने कहा कि हमने विरोध प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं से बात की तो पता चला कि उनमें से एक को वापस नेपाल भेजा जा चुका है और नेपाल पहुंचकर श्रमिक ने इस बात की पुष्टि की है। इसके अलावा बांग्लादेश, भारत, मिस्र और फिलीपींस के अन्य लोगों को भी निर्वासित कर दिया गया है।