इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने 13-2 के फैसले में रूस को यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को तुरंत रोकने के लिए कहा है। इसका अर्थ है कि 13 मतदाता रूस के सैन्य अभियान के खिलाफ थे जबकि दो रूस के पक्ष में थे। खास बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र अदालत में भारतीय न्यायाधीश न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ बहुमत के पक्ष में मतदान किया जबकि भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस के खिलाफ वोटिंग से लगातार बच रहा है।

संयुक्त राष्ट्र अदालत के आदेश में कहा गया है कि रूसी संघ को 24 फरवरी 2022 से शुरू किए यूक्रेन के क्षेत्र में सैन्य अभियानों को तुरंत निलंबित कर देना चाहिए। बता दें कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले बाध्यकारी हैं लेकिन ऐसा कई बार देखा गया है जब देशों ने ICJ के फैसलों की अनदेखी की है। दरअसल ICJ के पास अपने आदेशों को लागू करने का कोई सीधा साधन नहीं है।