सिंगापुर में 39 वर्षीय एक भारतीय नागरिक को चार सप्ताह की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माने की राशि उतनी ही तय की गई है जितनी रिश्वत उसे साल 2016 में एक शेल कंपनी से मिली थी। एक सर्वेयर के तौर पर काम कर रहे परमानंदम श्रीनिवासन ने एक शेल कंपनी के कर्मचारी मुजफ्फर अली खान मोहम्मद खान से 3000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 2.37 लाख रुपये स्वीकार किए थे और शेल पुलाउ बुकोम रिफाइनरी में गैस ऑयल का दुरुपयोग होने दिया था।
जानकारी के अनुसार श्रीनिवासन ने भ्रष्टाचार के एक आरोप में अपराध स्वीकार किया। इसके बाद गुरुवार को उसे चार सप्ताह का कारावास और 4046.70 सिंगापुरी डॉलर का जुर्माना लगाया जो रिश्वत की राशि के बराबर है। श्रीनिवासन उन 12 सर्वेयर में था जिन पर 14 अप्रैल को कथित तौर पर शेल कर्मचारी मुजफ्फर, जुआंदी पुंगोट और रिचर्ग गोह ची केयोंग से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। परमानंद की मुजफ्फर से मुलाकात 28 अप्रैल 2016 के आसपास एक जहाज पर हुई थी, जिसकी जांच उसकी कंपनी को करनी थी।
डिप्टी पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नॉर्मन यिउ ने अदालत में कहा कि परमानंद की कंपनी एसजीएस टेस्टिंग एंड कंट्रोल सर्विसेज सिंगापुर शेल जैसी कंपनियों को देश में जहाजों में आपूर्ति करने वाले कार्गाे की मात्रा और जांच समेत सर्वे की सेवाओं की पेशकश करती है। उन्होंने कहा कि रिश्वत लेने के बाद आरोपी ने जहाज पर लदे माल की सही मात्रा रिपोर्ट नहीं की और शेल पुलाउ बुकोम में मुजफ्फर की ओर से गैस तेल के दुरुपयोग को लेकर अपनी आंखें बंद कर लीं।
यिउ ने आगे कहा कि इस तरह से आरोपी ने मुजफ्फर, जुआंदी और साजिश में शामिल उनके अन्य साथियों की गैस तेल का दुरुपयोग करने में मदद की थी। जानकारी के अनुसार श्रीनिवासन के कार्यों के परिणामस्वरूप साल 2016 में दो लाख 36 हजार 956 अमेरिकी डॉलर (लगभग एक करोड़ 87 लाख 27 हजार 462 रुपये) कीमत के तेल की हेराफेरी का कंपनी को पता ही नहीं चल पाया था। उल्लेखनीय है कि सिंगापुर में भ्रष्टाचार के लिए अधिकतम सजा पांच साल कारावास और एक लाख सिंगापुरी डॉलर सुनाई जा सकती है।
इससे पहले सिंगापुर के एक नर्सिंग होम में काम करने वाली भारतीय मूल की एक महिला कर्मचारी पर 4000 सिंगापुरी डॉलर का जुर्माना लगाया गया था। 59 वर्षीय लता नारायण ने उसी व्यक्ति के एटीएम कार्ड पर हाथ साफ कर दिया था, जिसकी वह देखभाल कर रही थी। उसने कार्ड से 1000 डॉलर की राशि निकाली थी और सुपर मार्केट से खरीदारी भी की थी। यह घटना पिछले साल नवंबर की है। पीड़ित की ओर से शिकायत मिलने बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी।