लंदन: शराब की लत छोड़ चौहान ने बनाई डॉक्यूमेंट्री, 18 जून को होगी स्क्रीनिंग

ब्रिटेन के लीसेस्टर में 48 वर्षीय भारतीय मूल के आईटी कर्मचारी जीत चौहान ने एक शॉर्ट फिल्म बनाई है, जिसमें उन्होंने अपनी शराब पर निर्भरता और उसके बाद उनके ठीक होने से जुड़े जीवन की यात्रा को दर्शाया है। फिल्म की स्क्रीनिंग 18 जून को ईस्ट पार्क रोड स्थित गुरु तेग बहादुर गुरुद्वारा में होगी।

फिल्म के बारे में पूछे जाने पर जीत चौहान ने कहा कि वह कुछ समय से खासकर लॉकडाउन के दौरान फिल्म बनाने के बारे में सोच रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि मुझे दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए कुछ करने की ज़रूरत है। दरअसल दक्षिणी एशियाई लोग इंग्लैंड समेत अन्य देशों में संघर्ष करते हैं जबकि उनके बार में कोई बात नहीं करना चाहता।

जीत ने कहा कि मैंने 15 साल की उम्र में शराब पीना शुरू कर दिया था।। फोटो: Dr Creatives

ब्रिटिश उच्चायोग के अनुसार अकेले 2021 में भारतीय नागरिकों को लगभग 65,000 कुशल श्रमिक वीजा जारी किए गए थे। भारतीय  समुदाय यूके के बढ़ते आईटी नौकरी के अवसरों में सबसे बड़ा योगदान देता है। यह फिल्म एक आईटी कर्मचारी की शराब की लत, आत्महत्या करने का विचार और बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य के संवेदनशील विषयों को दर्शाती है जो खुद को अस्थायी रूप से संतुष्ट करने के लिए शराब पीने लगता है।

शुरुआती वर्षों के बारे में बात करते हुए जीत ने कहा कि मैंने 15 साल की उम्र में शराब पीना शुरू कर दिया था। हालांकि 31 से 41 साल की उम्र के बीच का वक्त मेरे लिए सबसे बुरा रहा। मैंने लगभग 10 साल तक शराब पीने में अति कर दी थी। मैंने सामाजिक कार्यक्रमों में भी जाना छोड़ दिया था। मैंने अपने परिवार और दोस्तों से दूरी बना ली थी। मैं एक बार पूरे हफ्ते सिर्फ शराब पीता रहा और ड्रग्स लेता रहा।

जीत ने बताया कि वह रोजाना अन्य पेय के साथ कम से कम एक लीटर व्हिस्की की बोतल का सेवन करते थे। शराब पर अपनी निर्भरता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी छोटी-मोटी समस्या यहां तक ​​कि मेरे पैर के अंगूठे में कुछ चुभ जाने पर भी मैं शराब पी लेता था। जीत ने बताया कि सितंबर 2016 में उनका पुनर्जन्म हुआ। तब से वह शराब से दूर हो गए हैं। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करने के लिए फ्री इन रिकवरी और 7 इवेंट सपोर्टिंग ग्रुप्स की स्थापना की है।