भारत सरकार ने माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर से पिछले साल जनवरी से जून के दौरान 2200 यूजर अकाउंट के डाटा की जानकारी मांगी थी। इनमें से ट्विटर ने केवल दो फीसदी अनुरोधों का अनुपालन किया। यह जानकारी कंपनी की ताजा पारदर्शिता रिपोर्ट (Transparency Report) में सामने आई है।
ट्विटर की ओर से यह पारदर्शिता रिपोर्ट बीते बुधवार को जारी की गई थी। इसी अवधि में भारत की ओर से अकाउंट हटाने की लगभग 5000 वैध मांग की गई। वैश्विक सरकारी संरक्षण अनुरोधों में चार फीसदी की गिरावट आई, जबकि निर्दिष्ट अकाउंट में 24 फीसदी का इजाफा हुआ। कुल वैश्विक संरक्षण अनुरोधों में भारत (25 फीसदी )और अमेरिका (57 फीसदी) की हिस्सेदारी 82 फीसदी रही।
उल्लेखनीय है कि ट्विटर ने साल 2012 में अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट जारी करने की शुरुआत की थी। तब से भारत सरकार की ओर से 11,667 अकाउंट को लेकर जानकारी मांगी जा चुकी है। यह वैश्विक सूचना अनुरोधों का 10 फीसदी है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में सबसे ज्यादा सरकारी सूचना अनुरोध अमेरिका से प्रस्तुत किए गए जो वैश्विक मात्रा का 24 फीसदी और निर्दिष्ट वैश्विक खातों का 27 फीसदी है। अनुरोधों की दूसरी सबसे बड़ी मात्रा भारत से रही, जिसमें वैश्विक सूचना अनुरोधों का 18 फीसदी और निर्दिष्ट वैश्विक खातों का 30 फीसदी शामिल है।