Skip to content

बाइडन के सवाल पर उठे सवाल, चीन की आक्रामकता पर मौन क्यों?

भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल कहते हैं कि बाइडेन की भारत पर टिप्पणी अर्थहीन है। कूटनीतिक मामलों के टिप्पणीकार ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि असल में बाइडेन ने ही अपनी फॉरवर्ड पॉलिसी से रूस और यूक्रेन के बीच इस युद्ध को उकसाने का काम किया।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत की प्रतिक्रिया को अस्थिर बताए जाने का कुछ विश्लेषकों ने विरोध किया है। इनमें से कुछ ने कहा है कि अमेरिका और इसके यूरोपीय सहयोगी रूस से ऊर्जा संबंधी कारोबार कर रहे हैं, जबकि दबाव भारत पर बनाया जा रहा है। कुछ विश्लेषकों ने कहा कि भारत में चीन के प्रवेश पर अमेरिका की ओर से जरूरी चिंता में कमी को दिखाता है।

कूटनीतिक मामलों के टिप्पणीकार ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि ऐसे समय में जब भारत चीन की ओर से सीमा पर आक्रामकता का सामना कर रहा है जिसमें युद्ध की धमकी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जो बाइडेन इस पर कुछ भी टिप्पणी नहीं करेंगे। लेकिन भारत से कहीं दूर के एक युद्ध के लिए वह भारत की प्रतिक्रिया को अस्थिर बताते हैं। चेलानी ने कहा कि असल में बाइडेन ने ही अपनी फॉरवर्ड पॉलिसी से रूस और यूक्रेन के बीच इस युद्ध को उकसाने का काम किया।

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest