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अमेरिका-कनाडा के भारतीय वैज्ञानिकों ने समझी ओमिक्रोन की बदलती चाल

रिसर्चर्स का कहना है कि हम ओमिक्रॉन के म्यूटेंट्स के हर पहलू पर स्टडी कर रहे हैं। ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में 26 तरह के अमीनो एसिड म्यूटेशन हैं। इसमें अभी अलग-अलग वेरिएंट के साथ तुलनात्मक स्टडी की जरूरत है।

अमेरिका और कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के वैज्ञानिकों ने ओमिक्रोन को लेकर एक नए प्रकार का दावा किया है। इन वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना के किसी मरीज में मौजूद वायरस के जेनेटिक मटीरियल के साथ म्यूटेशन कर ओमिक्रोन ने खुद को विकसित कर लिया है। इसके साथ ही नए वायरस ने अपना जेनेटिक टेंपलेट बदल लिया होगा।

रिसर्चर्स का मानना है कि कोविड मरीज सामान्य तौर पर इंसानी शरीर में मौजूद रहने वाले सर्दी-जुकाम के वायरस HCOV-229E से भी संक्रमित रहा होगा। ओमिक्रोन से जुड़े इस तथ्य को अमेरिका स्थित डेटा एनालिटिक्स फर्म नेफरेंस की रिसर्च टीम ने सामने लाई है। नेफरेंस की ओर से की गई स्टडी में सामने आया है कि कोरोना के इस नए वेरिएंट ने आम सर्दी-जुकाम के वायरस के साथ मिलकर म्यूटेशन किया है।

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