अफगानिस्तान में पिछले साल 15 अगस्त को तालिबान के शासन के बाद अब जाकर भारत ने काबुल में मौजूद अपने भारतीय दूतावास में एक तकनीकी टीम की तैनाती करने की घोषणा की है। यह तैनाती काबुल में भारतीय दूतावास में भारतीय राजनयिकों की वापसी का प्रतीक है।
मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान की यात्रा पर गया था। इसके बाद भारत सरकार की ओर से काबुल में भारतीय दूतावास में तकनीकी टीम को भेजने का फैसला यह दर्शाता है कि भारत फिर से अफगानिस्तान में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गया है। हालांकि तकनीकी टीम को भेजने के पीछे सरकार की ओर से वजह बताई गई है कि टीम को इसलिए भेजा जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत तालिबान शासित देश को जो मानवीय सहायता भेज रहा है, वह सही ढंग से पहुंच रही है या नहीं।
तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद भारत सरकार ने सभी भारतीय राजनयिकों और अन्य स्टाफ सदस्यों को वापस बुला लिया था। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ था। भारत सरकार ने एक बयान में कहा कि भारत का अफगान लोगों के साथ एक ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध है। मानवीय सहायता के प्रभावी वितरण के लिए विभिन्न हितधारकों के प्रयासों की बारीकी से निगरानी और समन्वय करने के लिए और अफगान लोगों के साथ हमारे जुड़ाव को जारी रखने के लिए एक भारतीय तकनीकी टीम काबुल पहुंच गई है और उनकी वहां हमारे दूतावास में तैनात की गई है।
India, a true first responder. https://t.co/riXkZlzwxC
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 23, 2022
तैनाती तालिबान द्वारा बार-बार किए गए आश्वासन के बाद ही हुई है कि अगर वे वापस लौटने का फैसला करते हैं तो भारतीय राजनयिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण होगा। बता दें कि तालिबान अफगानिस्तान को भेजी गई भारत की ओर से मानवीय सहायता की बहुत सराहना करता रहा है। हाल ही में अफगानिस्तान में आए 5.9 तीव्रता के भूकंप के बाद भारत ने अफगानी नागरिकों के लिए 27 टन आपातकालीन राहत सहायता भेजी। इस भूकंप में 1,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
एक ट्वीट में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आपातकालीन सहायता के प्रेषण को 'एक सच्चा पहला उत्तरदाता' के रूप में वर्णित किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह खेप मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOCHA) और काबुल में अफगान रेड क्रिसेंट सोसाइटी (ARCS) को सौंपी जाएगी। राहत सामग्री में फैमिली रिज टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल और स्लीपिंग मैट जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हमेशा की तरह भारत अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है, जिनके साथ हमारे सदियों पुराने संबंध हैं। हम अफगान लोगों को तत्काल राहत सहायता प्रदान करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।