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विदेश में जाकर फंस गए हैं, घबराने की जरूरत नहीं, ICWF है न मदद को

भारत ने 2009 में इंडियन कम्युनिटी वेल्फेयर फंड की शुरुआत की थी जिसमें विदेश में मुसीबत में फंसे भारतीयों की मदद की जाती है। 2017 में संशोधन कर इसका और विस्तार किया गया है। इस फंड का इस्तेमाल भारत की कॉन्स्युलर सर्विस यानी वाणिज्य दूतावास से संबंधित सेवाओं को को भी मजबूत करने के लिए किया जाता है।

आज भी भारत में परंपरा है कि जब बच्चे घर से बाहर किसी दूसरे शहर जाते हैं तो माता-पिता अपनी हैसियत के हिसाब से उन्हें पैसे देकर विदा करते हैं, ताकि आड़े समय में उनकी मदद हो सके। रोजगार और शिक्षा के उद्देश्य से विदेश जाने वाले अपने नागरिकों के लिए भारत ऐसे ही अभिभावक की भूमिका में रहता है जो पैसा देकर विदाई तो नहीं देता लेकिन उनके लिए एक फंड की व्यवस्था करता है ताकि वतन से बाहर मुसीबत की घड़ी में उस फंड से मदद की जा सके। इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड  (ICWF) की शुरुआत इस लक्ष्य के साथ ही कई गई थी कि भारत से दूर जाने वाले अपने लोगों की मुश्किल और आपात स्थिति में मदद की जाए।

जरूरत के अनुसार ICWF ने अपने गाइडलाइन में बदलाव भी किए कि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को मिले। आखिरी संशोधन के बाद 1 सितंबर, 2017 को नई गाइडलाइन लागू हुई। हालांकि, यहां यह बताना जरूरी है कि यह फंड विदेश में भारतीय नागरिकों के लिए है न कि भारतवंशी या OCI कार्ड धारकों के लिए। फंड का इस्तेमाल तीन मुख्य उद्देश्य के लिए किया जाता है, मुसीबत में फंसे भारतीयों की मदद, सामुदायिक कल्याण गतिविधियों में सहायता और कॉन्स्युलर सेवाओं में सुधार। विस्तार से समझते इस फंड का पूरा फंडा...

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