ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के वैज्ञानिक साइंटिस्ट ऑफ द ईयर से सम्मानित

भारतीय मूल के प्रोफेसर कदंबोट सिद्दीकी को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के 2023 प्रीमियर साइंस अवार्ड्स में साइंटिस्ट ऑफ द ईयर से नामित किया गया है। मूल रूप से भारत में केरल के रहने वाले प्रोफेसर सिद्दीकी एक विश्व प्रसिद्ध वनस्पतिविज्ञानी हैं। वर्तमान में वह पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय (UWA) के कृषि संस्थान में प्रोफेसर और निदेशक के रूप में सेवारत हैं।

उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार हासिल करना बेहद रोमांचक और विशेष है। उन्होंने प्रशंसकों को सहयोग और समर्थन देने के लिए शुक्रिया अदा किया है। प्रोफेसर सिद्दीकी का कहना है कि साइंटिस्ट ऑफ द ईयर 2023 नामित किया जाना उनके लिए विशेष है क्योंकि इसने मानवता के भविष्य के लिए भोजन और कृषि के महत्व पर प्रकाश डाला है।

सिद्दीकी और उनकी पत्नी अल्माज पीएचडी के लिए 1981 में पर्थ गए थे। सिद्दीकी ने अपने 35 साल के करियर को अनुसंधान, प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और उद्योग विकास के लिए समर्पित किया है। उन्हें कृषि को बढ़ावा देने और अपने अनुसंधान उत्पादन, नेतृत्व और सहयोग के माध्यम से वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है।

सिद्दीकी के शोध और खेती की नई तकनीकों का पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई अनाज और अनाज फलियां उत्पादन पर अहम योगदान रहा। 2021 में प्रोफेसर सिद्दीकी को वेस्टर्न ऑस्ट्रेलियन (WA) इंडियन ऑफ द ईयर के रूप में सम्मानित किया गया था। उन्हें दाल अनुसंधान और विकास में उनके योगदान के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से एक पुरस्कार भी मिल चुका है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा अंतरराष्ट्रीय दलहन वर्ष 2016 के लिए विशेष राजदूत के रूप में उन्हें नामित किया गया था।

सिद्दीकी यूडब्ल्यूए की भारत रणनीतिक समिति और ऑस्ट्रेलिया-भारत व्यापार परिषद के एक सक्रिय सदस्य भी हैं। उन्होंने यूडब्ल्यूए में अपनी प्रयोगशाला में भारत के कई पीएचडी छात्रों और पोस्टडॉक्टोरल फेलो को प्रशिक्षित किया है। द ऑस्ट्रेलियन अखबार की रिसर्च मैगजीन में वनस्पति विज्ञान (2021 और 2022) में ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष शोधकर्ता के रूप में मान्यता दी गई है।

प्रीमियर साइंस अवार्ड्स पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में होने वाले उत्कृष्ट वैज्ञानिक अनुसंधान और जुड़ाव को मान्यता देता है। साल 2002 के बाद से राज्य के सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली शोधकर्ताओं, छात्रों और संचारकों को 110 से अधिक पुरस्कार दिए गए हैं।