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औपनिवेशिक प्रथाओं को खत्म करेगी भारतीय सेना, कई बदलाव संभव

सैन्य मुख्यालय के एक अधिकारी का कहना है कि सेना को प्रधानमंत्री ने जिन पांच शपथों का लोगों से पालन करने के लिए कहा है उसके अनुसार राष्ट्रीय भावना को ध्यान में रखते हुए इन पुरानी प्रथाओं की समीक्षा करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार भारतीय सेना ने औपनिवेशिक परंपराओं और इकाइयों व रेजिमेंटों के नामों को समाप्त कर बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत भारतीय सेना ब्रिटिश काल से चले आ रहे पुराने नियमों व नीतियों की समीक्षा करेगी। इसके साथ ही वर्दी, इकाइयों व रेजिमेंटों के नामों की भी समीक्षा की जाएगी।

माना जा रहा है कि सेना के इस कदम से इन्हें बदला जाएगा और इनमें भारतीयता लाई जाएगी।

इस मसले पर सेना के एक दस्तावेज में कहा गया है कि सदियों पुरानी चली आ रही चीजों को बदलने की जरूरत होती है। इसके अनुसार पुरानी और अप्रभावी प्रथाओं को दूर किया जाना जरूरी है। अब इकाइयों में नामों और प्रतीक चिह्नों के साथ-साथ बीटिंग रिट्रीट, मानक कमीशन और रेजिमेंट सिस्टम जैसे समारोहों की समीक्षा भी की जाएगी।

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