भारतीय अमेरिकियों ने तथाकथित सिख स्वतंत्रता की घोषणा की वर्षगांठ को मान्यता देने वाले अमेरिकी राज्य कनेक्टिकट की आम सभा द्वारा जारी एक प्रशस्ति पत्र पर नाराजगी व्यक्त की है। दरअसल 29 अप्रैल को आधिकारिक प्रशस्ति पत्र में कनेक्टिकट महासभा ने खालिस्तान समर्थक संगठन विश्व सिख संसद को सिख स्वतंत्रता की घोषणा की 36वीं वर्षगांठ की मान्यता में बधाई दी है।
प्रभावशाली ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजिन (GOPIO) के अध्यक्ष थॉमस अब्राहम ने कहा कि यह पहल कुछ ऐसे तत्वों की ओर से है, जिनकी कनेक्टिकट राज्य में कोई दिलचस्पी नहीं है। लेकिन वे अपने निजी विभाजनकारी एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं। कनेक्टिकट में भारतीय अमेरिकी समुदाय में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी शामिल हैं। ये सभी समुदाय एक भारतीय समुदाय के रूप में एक साथ रहते हैं। कनेक्टिकट राज्य में रहने वाले भारतीय भारत के स्थानीय मुद्दों से संबंधित मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करते और न ही विभाजनकारी एजेंडे को बढ़ावा देने वाले असामाजिक तत्वों का समर्थन करते हैं।
Connecticut State, in US, has "recognized" April 29th as Anniversary of declaration of Sikh Independence.
— RP Singh National Spokesperson BJP (@rpsinghkhalsa) May 1, 2022
It is highly condemnable & not at all acceptable. @JoeBiden govt. should intervene, as it is a open support for an Independent State, 'Khalistan' within India. @MEAIndia pic.twitter.com/nvOwUrkNld
GOPIO ने इस प्रशस्ति पत्र को पेश करने वाले कनेक्टिकट राज्य के सीनेटरों और विधानसभा प्रतिनिधियों को पत्र लिखा है। उसमें GOPIO के कनेक्टिकट चैप्टर के अध्यक्ष अशोक निचानी ने कहा कि पूरे भारत में अन्य सभी समुदायों के साथ दो करोड़ सिख शांतिपूर्वक रह रहे हैं और यह प्रशस्ति पत्र भारत की अखंडता के खिलाफ है। प्रशस्ति पत्र के परिणामस्वरूप भारतीय अमेरिकियों में नाराजगी है। उनमें से कई ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन से इसकी निंदा करने का आग्रह किया है।
बता दें कि इस बीच न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने भी प्रशस्ति पत्र की निंदा की और इसे कुछ शरारती तत्वों द्वारा अपने नापाक उद्देश्यों के लिए विधानसभा के नाम का उपयोग करने का प्रयास करार दिया। वाणिज्य दूतावास ने इस मसले पर कहा कि ये निहित स्वार्थ समुदायों को विभाजित करना और कट्टरता और घृणा को बढ़ावा देना चाहते हैं।