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​मार्टिन लूथर किंग के प्रेरणास्रोत गांधी का अपमान बर्दाश्त नहीं: भारतीय अमेरिकी

हिंदूपैक्ट के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका में गांधी की प्रतिमा को तोड़ा गया है। AHAD के संयोजक अजय शाह ने एक बयान में कहा कि गांधी और उनके द्वारा चलाए गए स्वतंत्रता आंदोलन ने अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के लिए प्रेरणा का काम किया।

Photo for representation only.Photo by Greg Schneider / Unsplash

न्यूयॉर्क में हाल ही में महात्मा गांधी की प्रतिमा की तोड़फोड़ के सिलसिले में भारतीय अमेरिकी समुदाय के कई नेताओं ने निंदा की है और कहा कि यह गांधी और मार्टिन लूथर किंग का अपमान है। ये दोनों नेता पूरे जीवनभर नफरत को मिटाने की कोशिश में लगे रहे थे। बता दें कि भारत के बाहर सबसे ज्यादा गांधी प्रतिमाएं अमेरिका में हैं।

दरअसल शनिवार को न्यूयॉर्क शहर के पड़ोस में महात्मा गांधी की एक कांस्य प्रतिमा को तोड़ दिया गया था। इस मसले पर भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कड़ी निंदा करते हुए इस कृत्य को 'घृणित' बताया था। न्यूयॉर्क में वाणिज्य दूतावास ने कहा था कि मैनहट्टन के यूनियन स्क्वायर में स्थित आठ फुट ऊंची प्रतिमा को अज्ञात व्यक्तियों ने विरूपित कर दिया।

वैदिक फ्रेंड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बलभद्र भट्टाचार्य दास ने इस मसले पर निंदा करते हुए कहा कि हिंदू धर्म के एक अफ्रीकी-अमेरिकी अभ्यासी के रूप में मुझे इस बात से गहरा दुख है कि महात्मा गांधी का अनादर किया गया, जिन्होंने मार्टिन लूथर किंग को अहिंसा के मिशन को अपनाने के लिए प्रेरित किया। गांधी ने समाज में बड़े बदलावों को प्रेरित किया जो अभी भी बरकरार हैं और आज भी उनके विचार हमारे जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं।

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