भारत स्थित राजस्थान के उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन की वजह से एक हिंदू टेलर कन्हैयालाल की हत्या पर जहां पूरा भारत गम और गुस्से से भरा है, वहीं इस हत्या के बाद विदेशों में बसे भारतीय प्रवासी भी खासे नाराज दिखाई दे रहे हैं।
राजस्थान के उदयपुर में हिंदू टेलर कन्हैयालाल की मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद नाम के दो आतंकियों ने मंगलवार शाम हत्या कर दी। हमलावरों ने पूरी घटना को कैमरे में भी कैद किया था और हत्या करने के बाद अपने हथियारों को दिखाते हुए एक और वीडियो जारी की। हालांकि अब दोनों आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
Hindu lives simply do not matter to the press. It is unfair & outrageous. Whether in India, Pakistan, Bangladesh, Afghanistan or any other part of #SouthAsia, the media simply does not care if Hindus are murdered, raped, maimed, or beheaded. This has to change. This must change. https://t.co/8svt6EKgkI
— Sheenie Ambardar, MD (@DrAmbardar) June 28, 2022
इस वारदात की खबर जैसे ही फैली वैसे ही अमेरिका में रह रहीं भारतीय मूल की पुरस्कार विजेता क्लीनिकल साइकियाट्रिस्ट और द हैप्पीनेस साइकियाट्रिस्ट की संस्थापक शीनी अंबरदार ने एक ट्वीट किया। अंबरदार ने अपने ट्वीट में लिखा कि क्या न्यूयॉर्क टाइम्स या वाशिंगटन पोस्ट इस तथ्य को कवर करेंगे कि भारत में एक निर्दोष हिंदू दुकानदार को 2 भारतीय मुस्लिम पुरुषों द्वारा वीडियो पर बेरहमी से काट दिया गया था?
Dr. Ambardar, great question! @ootzchakra @VanShar1 @surinderkauldr @imAbhishek_USA @FIANYNJCTNE @hindupact @hinduampac @Lancia4Congress
— Bob Lancia (@BobLancia) June 28, 2022
इस ट्वीट के साथ शीनी ने आगे कहा कि विदेशी मीडिया के लिए हिंदू के जीवन का कोई महत्व नहीं है। यह अनुचित और अपमानजनक है। चाहे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान या दक्षिण एशिया के किसी अन्य हिस्से में मीडिया को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि हिंदुओं की हत्या की जाती है, बलात्कार किया जाता है, अपंग किया जाता है या सिर काट दिया जाता है। हमें ये बदलना होगा। इस बदलाव की जरूरत है।
बता दें कि शीनी अंबरदार के ट्विटर पर लगभग 46 हजार फॉलोअर हैं। शीनी इससे पहले भी न्यूयॉर्क टाइम्स को घेर चुकी हैं। हाल ही में एक ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा था कि इस्लामी आतंकवादियों द्वारा कश्मीर से बाहर निकाले गए कई हिंदू शरणार्थी 30 वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं और फले-फूले हैं। अगर न्यूयॉर्क टाइम्स नेक नीयत से काम करता है तो वह #TheKashmirFiles की सत्यता को सत्यापित करने के लिए हमारे माता-पिता या हमारे दादा-दादी का आसानी से साक्षात्कार कर सकता है।
Many of the Hindu refugees who were forced out of Kashmir by Islamist terrorists have lived & flourished in the U.S. for 30 yrs. If the @NewYorker was acting in good faith, it could have easily interviewed our parents or our grandparents to verify the veracity of #TheKashmirFiles
— Sheenie Ambardar, MD (@DrAmbardar) June 23, 2022
दोनों ही बार रोड आइलैंड के लिए अमेरिकी कांग्रेस के उम्मीदवार बॉब लैंसिया ने शीनी का समर्थन किया है। बॉब लैंसिया रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य हैं और रोड आइलैंड हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के पूर्व सदस्य हैं। वह इस साल नवंबर में रोड आइलैंड से होने वाले यूनाइटेड स्टेट्स हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के चुनाव के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। बीते दिनों बॉब ने अफगानिस्तान से संयुक्त राज्य अमेरिका के असफल निकास को लेकर कहा था कि यदि अमेरिका भारत को भागीदार बनाता तो चीजें आज कुछ अलग होतीं। बॉब ने यह भी कहा था कि अगर बलूचिस्तान स्वतंत्र होता और गिलगित-बाल्टिस्तान भारत में होता तो अमेरिका को अविश्वसनीय और दोहरी चाल चलने वाले पाकिस्तान पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।

वहीं अमेरिका में विश्व हिंदू परिषद के जनरल सैक्रेट्री अमिताभ मित्तल ने इस मसले पर कहा कि नुपुर शर्मा के बयान पर आक्रोश फिर गलत जगह निर्देशित है। हम भारत सरकार से इस बयान से सहमत हैं कि हमें इस बुराई के मूल कारण पर काम करने की जरूरत है।