निवेश संबंधी 45 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में अमेरिका में भारतीय मूल के एक कारोबारी को गिरफ्तार किया गया है। तकनीकी उद्यमी पर 10 हजार लोगों को धोखा देने का आरोप है। जानकारी के अनुसार भारतीय मूल के महत्वाकांक्षी कारोबारी ने वर्चुअल यूनिवर्स में निवेश का ख्वाब दिखाकर 10 हजार लोगों के साथ फर्जीवाड़ा किया।

नील चंद्रन नामक इस भारतीय मूल के कारोबारी को आरोपों की जद में लेने की घोषणा अमेरिकी अटॉर्नी जनरल केनिथ पोलाइट ने की। नील को लॉस एंजिलिस से गिरफ्तार किया गया। न्याय विभाग ने जानकारी दी है कि चंद्रन विर्से के बैनर तले कई कंपनियों का मालिक है। उसने दावा किया कि उसकी निवेश योजना से बहुत ज्यादा रिटर्न मिलेगा।
यही नहीं उसने निवेशकों को झांसे में लेने के लिए कहा कि दो खरबपतियों समेत कई धनाढ्य लोग उसकी एक या उससे ज्यादा कंपनियां खरीदने वाले हैं। लेकिन जांच-पड़ताल में पता चला कि न तो कोई खरीदार था और न ही कोई खरबपति उसकी कंपनी के मालिकाना हक के लिए लालायित था। बल्कि शानदार रिटर्न की चाहत में निवेश के नाम पर जो पैसा आया था उसका अन्य व्यावसायिक उपक्रमों और चंद्रन के व्यक्तिगत लाभ के लिए दुरूपयोग किया गया।
चंद्रन पर तीन तरह के आरोप थे। एक आरोप यह भी था कि उसने गलत तरीके से इलैक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन के माध्यम से पैसों का लेन-देन किया। किसी आपराधिक मसले में फंसी संपत्ति को लेकर भी उसने लेन-देन किया। अदालत में आरोपों ले जुड़े से कागजात पेश किए गए हैं उनमें बताया गया है कि चंद्रन ने एक शख्स को गलत और भ्रामक जानकारी दी उससे वह जानकारी किसी और तक पहुंची।
बताया गया कि एक अनाम व्यक्ति ने हजारों निवेशकों को गलत जानकारी के आधार पर लुभाया। इससे चंद्रन के पास खासी रकम जमा हो गई। कई निवेशकों ने क्रिप्टोकरंसी से भुगतान किया। वीआईआरएसई ( विर्से) के बैनर तले काम करने वाली कंपनियों में फ्री वीआई लैब, स्टूडियो वीआई इंक, वीडिलीवरी इंक, वीमार्केट इंक और स्केलेक्स यूएसए इंक शामिल हैं। न्याय विभाग का कहना है कि फैसले के अनुसार चंद्रन की करीब 100 संपत्तियां और कई वाहन जब्त किए जा सकते हैं और कई मामलों में यह कानूनी प्रक्रिया जारी है।