भारतीय-अमेरिकी शोधकर्ता सोनाली चतुर्वेदी के सहयोग से वैज्ञानिकों की टीम ने महामारी कोविड का ऐसा इलाज खोजा है जो कि न सिर्फ आसान है बल्कि कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट पर भी असरदार है। इसकी एक ही डोज काफी है। ये नाक के जरिए दी जाती है। बताया गया है कि इसकी मदद से कोविड के लक्षण तो कम होते ही हैं, शरीर के अंदर से कोरोना वायरस को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है।
सैन फ्रांसिस्को के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट की टीम का ये शोध प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ है। शोध पत्र की पहली लेखिका सोनाली चतुर्वेदी ने बताया कि इस इलाज को थेरपेटिक इंटरफियरिंग पार्टिकल (TIP) नाम दिया गया है।
भारतीय-अमेरिकी शोधकर्ता ने कोविड पर बनाई नई एंटीवायरल दवा
अभी तक एंटीवायरल दवाओं और टीकों के जरिए SARS-CoV-2 जैसे सांस संबंधी वायरसों को फैलने से रोकना काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता था। लेकिन नई एंटीवायरल दवा की महज एक खुराक से ही संक्रमित जानवरों में वायरस की संख्या कम हो जाती है और वायरस का संचरण भी सीमित हो जाता है।