Skip to content

भारतीय मूल के जज मेहता ने आखिर क्यों बढ़ा दी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की मुश्किलें

अमेरिका में 2020 राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन ट्रंप ने हार मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने चुनावों में धांधली के आरोप लगाए। 6 जनवरी, 2021 को ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया था

अमेरिका में भारतीय मूल के एक संघीय जज अमित मेहता के एक फैसले से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सांसदों और संसद भवन के दो पुलिस अधिकारियों द्वारा साजिश के आरोप में दर्ज कराए गए मुकदमों को रद्द करने का उनका (ट्रंप) प्रयास जज ने खारिज कर दिया। जज अमित मेहता ने कहा कि संभवत: पूर्व राष्ट्रपति के शब्दों ने ‘विश्वसनीय रूप से’ 6 जनवरी 2021 को हुए विद्रोह का मार्ग प्रशस्त किया।

वॉल स्ट्रीट जनरल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज अमित मेहता ने अपने फैसले में कहा कि अमेरिकी संसद भवन में हिंसक भीड़ के घुसने से पहले एक रैली के दौरान कहे गए ट्रंप के शब्द उकसावे के शब्दों जैसे थे। मेहता ने कहा कि ट्रंप के भाषण से लोग कानून तोड़ सकते थे। हालांकि, उन्होंने ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और वकील रुडी गुइलियानी के खिलाफ ऐसे ही आरोप खारिज कर दिए। रिपब्लिकन सांसद एरिक स्वालवेन, डी कैलिफ, अधिकारी जेम्स ब्लेसिंगेम और सिडनी हेम्बी की ओर से दायर मुकदमे में दलील दी गई थी कि ट्रंप, ट्रंप जूनियर, गुइलियानी और रिपब्लिकन सांसद मो ब्रूक्स ने ‘‘फर्जीवाड़े और चोरी के झूठे और उकसावे वाले आरोप लगाए और रैली में हिंसा के आह्वान पर एक हिंसक भीड़ ने अमेरिकी संसद भवन पर हमला किया।’

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest