शाबास: हाई स्कूल जूनियर छात्र सात्विक ने जीता 50 हजार डॉलर का पुरस्कार

भारतीय-अमेरिकी छात्र सात्विक कन्नन (17) को रीजेनरॉन इंटरनेशनल साइंस एंड इंजीनियरिंग फेयर में 50 हजार डॉलर के दो रीजेनरॉन यंग साइंटिस्ट अवार्ड्स में से एक मिला है। रीजेनरॉन ISEF मिशन स्टेटमेंट के अनुसार रीजेनरॉन सोसायटी फॉर साइंस दो प्रथम स्थान वाली परियोजनाओं के लिए यह अवार्ड देती है।

इस साल के विजेता। Image : twitter@Society for Science

सोसायटी के अनुसार विजेताओं का चयन चुनौतीपूर्ण वैज्ञानिक प्रश्नों से निपटने में नवाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, प्रामाणिक शोध पद्धतियों का उपयोग करने और कल की समस्याओं का समाधान तैयार करने के लिए किया गया है।

कोलंबिया डेली ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार कोलंबिया में हिकमैन हाई स्कूल, एमओ में उभरते हुए वरिष्ठ छात्र ने एक परियोजना प्रस्तुत की थी, जिसमें 2022 में फिर से उभरने के बाद मंकीपॉक्स की बढ़ी हुई संक्रामकता के कारणों को समझने के लिए जैव-कम्प्यूटेशनल मॉडल का उपयोग किया गया था।

अवार्ड की घोषणा के बाद सात्विक ने कहा कि मैं बहुत खुश और उत्साहित हूं। मैंने महसूस किया कि यह पिछले कुछ वर्षों में डॉ. सिंह की सलाह और मार्गदर्शन के साथ हमारे काम को दर्शाता है जो इस वर्ष से मेरी परियोजना में परिणत हुआ है।

कन्नन ने इस अवार्ड का श्रेय अपने संरक्षक कमलेंद्र सिंह को दिया है। सिंह मिसौरी विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा रोगविज्ञान के सहायक प्रोफेसर हैं। सात्विक ने कहा- वह स्कूल में  मेरे किसी भी अन्य शिक्षक की तरह थे। मुझे जीव विज्ञान या उन क्षेत्रों में हर छोटी-बड़ी बात समझाते थे जहां मैं अनिश्चित होता था।

सात्विक ने कहा कि कोविड के दौरान हमने देखा कि कोई एक वायरस किसी आंतरिक जगह से कुछ ही समय में हर जगह फैल जाता है। हो सकता है कि मंकीपॉक्स या कोविड की तरह किसी अन्य वायरस का हमे सामना करना पड़े। ऐसे में यह अध्ययन काम आ सकता है।

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