नाहिद लौटीं यूनिवर्सिटी, व्हाइट हाउस में संभाल रखी थी यह जिम्मेदारी

भारतीय-अमेरिकी संक्रामक रोग चिकित्सक डॉ. नाहिद भदेलिया सेंटर फॉर इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज पॉलिसी एंड रिसर्च का नेतृत्व करने के लिए बोस्टन यूनिवर्सिटी (BU) लौट आई हैं। वह पहले व्हाइट हाउस की COVID-19 रेस्पॉन्स टीम की वरिष्ठ नीति सलाहकार थीं।

व्हाइट हाउस की COVID-19 रेस्पॉन्स टीम का गठन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस महामारी की चुनौती का सामना करने के लिए किया था। इस टीम को 11 मई को भंग कर दिया गया था।

भदेलिया का जन्म भारत में हुआ और वह स्वीडन व सऊदी अरब में पली-बढ़ी हैं। वह तरुण अवस्था में ही अमेरिका आ गई थीं। संक्रामक रोगों की BU स्कूल ऑफ मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर भदेलिया BU के सेंटर फॉर इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज पॉलिसी एंड रिसर्च (CEID) की संस्थापक हैं। BU के द ब्रिंक ने बताया कि वह पूर्णकालिक स्थिति की अवधि के लिए विश्राम ले रही हैं।

वर्ष 2021 में CEID की स्थापना के बाद से भदेलिया ने इसे अनुसंधान और कार्रवाई योग्य नीतियों के केंद्र के रूप में विकसित किया है। इस केंद्र ने कांग्रेस की सुनवाई में योगदान दिया है, विधायी कार्यालयों को सलाह दी है, पॉलिसी ब्रीफ तैयार किये हैं और महामारी संबंधी बिलों पर इनपुट प्रदान किया है।

CEID में अपनी भूमिका के अलावा भदेलिया नेशनल इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज लेबोरेटरीज (NEIDL) की सहयोगी निदेशक हैं जो BU में अत्याधुनिक अधिकतम रोकथाम अनुसंधान सुविधा है। डॉ. भदेलिया ने इबोला वायरस के प्रकोप ​​​​के दौरान पश्चिम और पूर्वी अफ्रीका में काम किया।लाइबेरिया और युगांडा में महामारी से निपटने की तैयारियों में योगदान दिया और BU तथा यूनिवर्सिटी ऑफ लाइबेरिया इमर्जिंग एंड एपिडेमिक वायरस रिसर्च प्रोग्राम का सह-निर्देशन किया, जो फोगार्टी इंटरनेशनल सेंटर द्वारा वित्त पोषित है।

वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूनिवर्सल हेल्थ एंड प्रिपेयर्डरनेस रिव्यू के तकनीकी सलाहकार समूह की सदस्य भी हैं जो महामारी से निपटने की तैयारी को मापने के लिए उपयोग किए जाने वाले मेट्रिक्स के उन्नयन के लिए कार्यरत है।

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