भारतीय-अमेरिकी जोड़े ने अपने समलैंगिक विवाह पर दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण क्यों ली?

दिल्ली उच्च न्यायालय एक भारतीय अमेरिकी जोड़े की मिसाल कायम करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा जो चाहता है कि भारत और उसका विदेश मंत्रालय उनके समलैंगिक विवाह को मान्यता दे। जेपी मॉर्गन चेस पॉलिसी सेंटर के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष पराग मेहता और एएपीआई विक्ट्री फंड में आउटरीच और एंगेजमेंट के वरिष्ठ सलाहकार वैभव जैन की याचिका को भारत की अदालत पिछली सुनवाई में चार बार देरी पहले ही कर चुकी है। यह याचिका एक बार फिर 31 मार्च को डाली गई है।

जैन ने कहा कि जब से उनकी कहानी और शादी 2019 में सोशल मीडिया पर वायरल हुई तब से उनके पास कई एलजीबीटीक्यू+ लोगों और उनके प्रियजनों ने संपर्क किया है। Photo by Sharon McCutcheon / Unsplash

इंडियन स्टार ने पराग मेहता और वैभव जैन से खास बातचीत की। मेहता ने बताया कि न्याय में देरी न्याय से वंचित करना होता है। लोकतंत्र होने के बावजूद हम यह नहीं कह सकते कि हम सभी एक समान हैं। दरअसल हम जैसे कई लोगों को कानून के तहत मिलने वाले समान अधिकारों के लिए कल तक इंतजार करना होता है। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी को अंधेरें में रहने के लिए मजबूर किया जाता है।