2020 चुनावी घपला: इस भारतीय-अमेरिकी को भी आरोपित करने की हुई थी सिफारिश
फुल्टन काउंटी की विशेष ग्रैंड जूरी ने अमेरिका में 2020 के चुनाव के परिणामों को पलटने के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रयासों में शामिल होने के लिए 39 लोगों को आरोपी बनाने की सिफारिश की थी। इन 39 लोगों में एक भारतीय-अमेरिकी भी शामिल थे, जिन्हें जूरी ने आरोपित करने की सिफारिश की थी।
आठ सितंबर को जारी रिपोर्ट के अनुसार भारतीय-अमेरिकी चंद्र सीबी यादव उन फर्जी मतदाताओं में से एक थे, जिन्होंने ट्रम्प के लिए फर्जी इलेक्टोरल कॉलेज वोट देने का प्रयास किया था। खबरों के अनुसार ग्रैंड जूरी ने सिफारिश की थी कि उन्हें 19-2 वोटों से दोषी ठहराया जाए। हालांकि उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया। विशेष ग्रैंड जूरी की इस रिपोर्ट को अमेरिका के कई मीडिया संस्थानों ने साझा किया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 28 पन्नों के दस्तावेज को जनवरी में अंतिम रूप दिया गया था लेकिन इसकी अधिकांश सामग्री को फुल्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी फानी विलिस के अनुरोध पर एक न्यायाधीश द्वारा तुरंत सील कर दिया गया था।
जॉर्जिया के फर्जी प्रमाणपत्रों में यादव के साथ 15 अन्य लोगों के हस्ताक्षर शामिल हैं। याचिकाकर्ता संगठन का कहना है कि फर्जी चुनावी प्रमाणपत्र एरिज़ोना, जॉर्जिया, मिशिगन, न्यू मैक्सिको, नेवादा, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन में ट्रम्प समर्थकों के समूहों द्वारा इकट्ठे किए गए थे। आरोप है कि 2020 चुनाव के दौरान इन फर्जी चुनाव प्रमाणपत्रों से वैध मतदाताओँ की जानकारी को बदला गया था। यानी वैध मतदाताओं के स्थान पर फर्जी मतदाता बनाए गये।
जॉर्जिया की फर्स्ट कमीशन वेबसाइट प्रोफाइल के मुताबिक यादव 2003 में कैमडेन काउंटी, जॉर्जिया चले गए और कई किराने की दुकानों और मोटल सहित अपना व्यवसाय शुरू किया। वह किंग्सलैंड पर्यटन के अध्यक्ष और किंग्सलैंड विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। यादव ने कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है। उनकी पत्नी का नाम सुगंधा है और उनके दो बेटे हैं आदित्य और शिवांश।