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काली के पोस्टर से नाराज कनाडाई सांसद आर्य , हिंदू और भारत विरोधी बताया

कर्नाटक में पैदा हुए चंद्र आर्य आज कनाडा की संसद में नेपियन का प्रतिनिधित्व करने वाले लिबरल पार्टी के सांसद हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा में पारंपरिक हिंदू विरोधी और भारत विरोधी समूह बढ़ गए हैं जिसके परिणामस्वरूप मीडिया में हिंदूफोबिक लेख और हमारे हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं।

कनाडा के टोरंटो में आगा खान संग्रहालय में लगाए गए हिंदूओं की देवी काली से जुड़े विवादित पोस्टर के विरोध में कनाडा के सांसद चंद्र आर्य भी खुलकर सामने आए हैं। भारत में जन्मे कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने इस पोस्टर को दुखदायी बताया है। टोरंटो स्थित भारतीय फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई द्वारा तैयार किए गए इस पोस्टर में देवी काली को एलजीबीटी ध्वज के सामने धूम्रपान करते हुए दिखाया गया है। इस पोस्टर की भारत में भी आलोचना हुई है और कनाडा में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने भी कनाडा के अधिकारियों से इस पोस्टर के हटाने के लिए आग्रह किया था।

कर्नाटक में पैदा हुए चंद्र आर्य आज कनाडा की संसद में नेपियन का प्रतिनिधित्व करने वाले लिबरल पार्टी के सांसद हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टर पेनफुल यानी दुखदायी है। आगा खान संग्रहालय के अधिकारियों से माफी स्वीकार करते हुए भारत-कनाडाई सांसद ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कनाडा में पारंपरिक हिंदू विरोधी और भारत विरोधी समूह बढ़ गए हैं जिसके परिणाम-स्वरूप मीडिया में हिंदूफोबिक लेख और हमारे हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं।

बता दें कि टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी की एक प्रस्तुति के हिस्से के रूप में लीना मणिमेकलाई द्वारा इसे सोशल मीडिया पर साझा किए जाने के बाद पोस्टर ने हलचल मचा दी थी। भारत की राजधानी दिल्ली और अन्य राज्य उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माता के खिलाफ आपराधिक साजिश, पूजा स्थल पर अपराध आदि सहित कई आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। लीना के खिलाफ बिहार में दो अलग-अलग अदालतों में शिकायत दर्ज की गई है।

वहीं इस मसले पर आगा खान संग्रहालय ने कहा कि टोरंटो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी ने 'अंडर द टेंट' प्रोजेक्ट के लिए कनाडाई बहुसंस्कृतिवाद के हिस्से के रूप में विविध जातीय और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के छात्रों के कार्यों को एक साथ लाया गया था। इसमें लीना की फिल्म उनमें से एक थी। संग्रहालय को गहरा खेद है कि 'अंडर द टेंट' के 18 लघु वीडियो में से एक वीडियो और इसके साथ सोशल मीडिया पोस्ट ने अनजाने में हिंदू और अन्य धार्मिक समुदायों के सदस्यों को अपमानित किया है।

हालांकि हंगामे के बीच लीना ने माफी मांगने की बजाय कहा है कि वह जिंदा रहने तक निडर होकर अपनी आवाज का इस्तेमाल करती रहेंगी। मणिमेकलाई ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा कि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज के साथ रहना चाहती हूं जो बिना किसी डर के बोले जब तक कि वह जिंदा है। अगर कीमत मेरी जान है तो मैं दूंगी। बता दें कि लीना ने यह पोस्टर 2 जून को बढ़े चाव के साथ ट्विटर पर शेयर किया था।

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