एक नई रिपोर्ट के अनुसार साल 2025 तक भारत में ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं की संख्या अमेरिका की कुल आबादी से भी अधिक होने की उम्मीद है। इसके अलावा समान अवधि में हर 10 में से सात इंटरनेट यूजर्स एक ऑनलाइन लेन-देन पूरा कर सकते हैं। यह रिपोर्ट डब्ल्यूडब्ल्यूपी (WWP) के ग्रुपएम (GroupM) व वंडरमैन थॉम्प्सन (Wunderman Thompson) ने अमेजन एड्स (Amazon Ads) के साथ मिलकर जारी की है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र 23 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर (CAGR) से बढ़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में भारत में ई-कॉमर्स यूजर्स की संख्या 15 करोड़ थी। साल 2015 में यह आंकड़ा 35 करोड़ और 2030 तक 50 करोड़ होने की उम्मीद है।
वंडरमैन थॉम्प्सन दक्षिण एशिया के चीफ डिजिटल ऑफिसर मनोज मनसुखानी ने कहा कि हमने देखा है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान ऑनलाइन खरीदने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। यह रुख लगातार जारी है क्योंकि दूसरे और तीसरे टियर के शहरों से ऑनलाइन खरीदारी करने वाले ग्राहकों की संख्या का बढ़ना जारी है।
मनसुखानी ने कहा कि अमेजन जैसे मार्केटप्लेस उत्पादों की खोज के लिए पहला साधन बनते जा रहे हैं। ऐसे में ब्रांड्स को एक अलग कंटेंट रणनीति विकसित करने की जरूरत है ताकि इन प्लेटफॉर्म्स पर ग्राहकों के साथ जुड़ने में मदद मिल सके। उधर अमेजन एड्स इंडिया के डायरेक्टर-एड सेल्स विजय अय्यर ने कहा कि ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस ब्रांड को आकार देने और उत्पाद की खोज करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इसके अलावा निजी वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी बर्नस्टाइन (Bernstein) ने भी अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि साल 2025 तक भारत में ऑनलाइन खरीदारी करने वाले लोगों की संख्या 33 करोड़ हो सकती है। बर्नस्टाइन के अनुसार भारत के इंटरनेट में ई-कॉमर्स सबसे बड़ा सेगमेंट है। 2025 तक इसमें पांच गुना तक वृद्धि हो सकती है।