कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में टीका (वैक्सिन) सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ है और इसमें भारत का अहम योगदान रहा है। आज इसकी तारीफ पूरी दुनिया कर रही है। भारत ने महामारी से जूझ रहे कई देशों को टीका देकर जीवनदान दिया है। भारत लगातार इस मुहिम में जुटा है कि दुनिया के किसी भी नागरिक की टीके के अभाव में मौत न हो। अमेरिका में मंगलवार को भारतीय दूतावास की ओर से आयोजित ‘सभी के लिए टीका’ विषय पर एक डिजिटल गोलमेज बैठक में भारत ने टीके को लेकर एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। इस दौरान कैसे सभी को सुरक्षित, सस्ते और विश्वसनीय टीके मुहैया कराए जाएं इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
Key stakeholders deliberate @ roundtable hosted by Embassy on “Vaccines for All”!
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) February 22, 2022
Appreciate Dr V K Paul @NITIAyog @BillGates @RepDwightEvans Soumya Swaminathan @WHO Prof. @PeterHotez Karen Freeman @USAID Gagandeep Kang @CEPIvaccines & Mahima Datla @biological_e for inputs pic.twitter.com/WMtyy7pEv9
बैठक में अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक टीकाकरण प्राथमिकता की नीति होनी चाहिए। संधू ने इस दौरान इस बात को लेकर चिंता जताई कि टीकाकरण का वैश्विक मानचित्र कम विकसित देशों में असमानता की कहानी कहता है, जिनमें अफ्रीका के देश शामिल हैं, जहां पर 10 प्रतिशत या इससे भी कम आबादी का टीकाकरण हुआ है। संधु ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 के खिलाफ दुनिया भर के लोगों के टीकाकरण के लिए भारत और अमेरिका की स्वास्थ्य क्षेत्र में साझेदारी अहम है।