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एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी सिस्टम को जल्द अंतिम रूप देंगे India-UK, रूस से कम होगी निर्भरता

यदि दोनों देश इसे सफल बनाते हैं तो यह सौदा दोनों देशों के बीच संयुक्त अनुसंधान और सह-विकास कार्यक्रमों को कवर करेगा और रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाएगा।

भारत और यूके के बीच एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी के संयुक्त उत्पादन के लिए एक प्रणाली को अंतिम रूप दे दिया गया है। बीते दिनों ब्रिटिश संसद में इस बात पर चर्चा की गई। ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रश्नकाल सत्र के दौरान ब्रिटेन के रक्षा खरीद मंत्री जेरेमी क्विन ने इस बात की पुष्टि की और संसद को बताया कि इस व्यवस्था का एक पत्र सहमति की प्रक्रिया में है।

उन्होंने कहा कि यदि दोनों देश इसे सफल बनाते हैं तो यह सौदा दोनों देशों के बीच संयुक्त अनुसंधान और सह-विकास कार्यक्रमों को कवर करेगा और रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाएगा। इतना ही नहीं भारत रूस पर अपनी निर्भरता को कम करेगा। इस सप्ताह की शुरुआत में क्विन ने संसद में एक लिखित भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और भारत यूके की रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) एक समझौते को अंतिम रूप देने वाले हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह संयुक्त अनुसंधान, सह-डिजाइन, सह-विकास और रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन के माध्यम से उन्नत सुरक्षा क्षमताओं को वितरित करने में मदद करेगा। क्विन ने अप्रैल में भारत के अपने अंतिम दौरे पर भारत के रक्षा सचिव डॉ.अजय कुमार के साथ चर्चा की थी।

क्विन का दावा है कि यूके को रूस और यूक्रेन संघर्ष के बीच भारत और व्यापक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साथ रणनीतिक संबंधों को सक्रिय रूप से बढ़ाने की आवश्यकता है। बता दें कि पिछले महीने नई दिल्ली में जॉनसन-मोदी सम्मेलन के दौरान रक्षा और सुरक्षा भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी का प्रमुख बिंदू रहा है।

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