भारत आने वाले सभी यात्री कर सकेंगे UPI से पेमेंट, अभी इन देशों से हो रही शुरुआत
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने विदेशियों के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) की सुविधा का विस्तार किया है। आरबीआई ने कहा है कि अब जी-20 देशों से चुनिंदा हवाई अड्डों पर आने वाले यात्री UPI के जरिए पेमेंट कर सकेंगे। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि आने वाले समय में सभी देशों के यात्रियों को इस तरह की सुविधा मिलेगी।
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— NPCI (@NPCI_NPCI) February 7, 2023
यूपीआई एक पेमेंट प्लेटफॉर्म है जिससे हम पेटीएम, फोन पे और गूगल पे जैसे मोबाइल ऐप के माध्यम से कहीं से भी कभी भी अपने बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसा भेज सकते हैं, मंगवा सकते हैं और दुकानों पर पेमेंट कर सकते हैं। इससे पहले अमेरिका समेत दस देशों के अप्रवासियों को यूपीआई का प्रयोग करने की इजाजत दी जा चुकी है। अब इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने इस साल की शुरुआत में दस देशों के अप्रवासियों को एनआरई (नॉन रेसीडेंट एक्सटर्नल) या एनआरओ (नॉन रेसीडेंट ऑर्डिनरी) खातों से लिंक करके यूपीआई का इस्तेमाल करने की सुविधा प्रदान दी थी। इन देशों में सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ब्रिटेन शामिल हैं।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए बताया कि भारत में यूपीआई रिटेल डिजिटल पेमेंट के लिये काफी लोकप्रिय बन चुका है। इसे देखते हुए अब भारत आने वाले सभी यात्रियों को देश में रहने के दौरान कारोबारियों (पी2एम) को भुगतान के लिये इसके उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव है। इस सुविधा की शुरुआत चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आने वाले जी-20 देशों के यात्रियों से की जा रही है।
दास ने कहा कि हाल ही में उन अनिवासी भारतीयों को यूपीआई सुविधा दी गई थी जिनके पास अपने एनआरई/एनआरओ खातों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर हैं। अब भारत आने वाले सभी यात्रियों को देश में रहते हुए अपने मर्चेंट पेमेंट (पी2एम) के लिए यूपीआई का उपयोग करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है।
गौरतलब है कि भारत ने 1 दिसंबर 2022 को जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। जी-20 दुनिया के विकसित और विकासशील देशों का सबसे महत्वपूर्ण मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।