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भारत में अरबों रुपये जुटा रहे हैं स्टार्टअप, 2025 तक यूनिकॉर्न ही यूनिकॉर्न!

वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि निजी बाजार के निवेशकों के 'वेट एंड वॉच' के दृष्टिकोण के बावजूद भारतीय स्टार्टअप्स ने अभी भी 2022 की पहली तिमाही के दौरान 10 बिलियन डॉलर (76,520 करोड़ रुपये) से अधिक का फंड जुटाया है।

Photo by Jason Goodman / Unsplash

आयरन पिलर की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 तक भारत में 250 से अधिक यूनिकॉर्न या निजी तौर पर आयोजित स्टार्टअप्स होंगे। इन यूनिकॉर्न की कुल वैल्यू 1 बिलियन डॉलर (7,652 करोड़ रुपये) या उससे अधिक होने की उम्मीद है। बता दें कि साल 2021 में यूनिकॉर्न क्लब में रिकॉर्ड 43 भारतीय स्टार्टअप जुड़े हैं।

'इंडिया टेक ट्रेंड्स' शीर्षक वाली आयरन पिलर की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में भारतीय यूनिकॉर्न का कुल मूल्यांकन 535 बिलियन डॉलर यानी 40,94,114 करोड़ रुपये है। फंड ने कहा कि पिछले 15 महीनों में देश में कुल यूनिकॉर्न दोगुना से अधिक 130 हो गए हैं। इसके अलावा जनवरी 2019 से भारत के स्टार्टअप परिदृश्य में करीब 100 यूनिकॉर्न जुड गए हैं।

आयरन पिलर के मैनेजिंग पार्टनर आनंद प्रसन्ना ने एक बयान में कहा कि हम मानते हैं कि अगले 24 महीनों में यह गति थोड़ी कम हो सकती है लेकिन साल 2025 तक 1 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाली 250 कंपनियां बनाना भारतीय संस्थापकों के लिए एक लक्ष्य है और वह इसे पाकर रहेंगे। हम विशेष रूप से उत्साहित हैं क्योंकि इनमें से लगभग 50 फीसदी कंपनियां भारत से बाहर के बाजारों के लिए भी निर्माण कर रही हैं।

आनंद ने बताया कि वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि निजी बाजार के निवेशकों के 'वेट एंड वॉच' के दृष्टिकोण के बावजूद भारतीय स्टार्टअप्स ने अभी भी 2022 की पहली तिमाही के दौरान 10 बिलियन डॉलर (76,520 करोड़ रुपये) से अधिक का फंड जुटाया है जो कि साल 2021 में इसी अवधि में 5.7 बिलियन डॉलर (43,608 करोड़ रुपये) अधिक है।

आयरन पिलर के अनुसार भारतीय कंपनियां कम समय में 'यूनिकॉर्न' बन रही हैं। भारत में 1 बिलियन डॉलर (7,652 करोड़ रुपये) या उससे अधिक की वैल्यू वाले 50 फीसदी यूनिकॉर्न ने स्थापना के पांच वर्षों के भीतर यह स्तर हासिल किया है। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म सीबी इनसाइट्स से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भारत अमेरिका और चीन के बाद सबसे अधिक यूनिकॉर्न के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र बना हुआ है।

आयरन पिलर कौन है? आयरन पिलर एक वैंचर ग्रोथ इन्वेस्टर है जो भारत में मध्य चरण प्रौद्योगिकी निवेश पर केंद्रित है। यह कंज्यूमर टेक और एंटरप्राइज टेक क्षेत्रों में कंपनियों का समर्थन करते हैं। आयरन पिलर का मुख्यालय मुंबई में है जबकि यह मॉरीशस, पालो ऑल्टो, शंघाई और सिंगापुर में भी मौजूद है। यह कंपनी 6 सदस्यों के द्वारा स्थापित की गई है। भारत में आयरन पिलर सॉफ्टवेयर ने स्टार्टअप यूनिफोर, मीट डिलीवरी स्टार्टअप फ्रेशटूहोम, क्लाउड किचन प्लेयर, ईटफिट जैसी कंपनियों में निवेश किया हुआ है।

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