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हमले के बाद अफगानिस्तान के 111 सिखों और हिंदूओं को भारत ने तुरंत जारी किया ई-वीजा

भारत के गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यह निर्णय कल देर रात लिया गया। इस बीच इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने रविवार को काबुल में करते परवान गुरुद्वारा हमले की जिम्मेदारी ली। ISKP के मुताबिक अबू मोहम्मद अल ताजिकी ने इस हमले को अंजाम दिया जो तीन घंटे तक चला।

अफगानिस्तान में गुरुद्वारा पर हुए हमले के बाद भारत आने की चाह रखने वाले सिख और हिंदूओं को भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से 111 ई-वीजा जारी किए हैं। दरअसल खबर है कि आईएसआईएस का इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस-ISKP अफगान में सिखों और हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों में कोई कमी नहीं आने देगा। बता दें कि इस हमले में दो सिखों की मौत हो गई है।

भारत के गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यह निर्णय कल देर रात लिया गया। इस बीच इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने रविवार को काबुल में करते परवान गुरुद्वारा हमले की जिम्मेदारी ली। ISKP के मुताबिक अबू मोहम्मद अल ताजिकी ने इस हमले को अंजाम दिया जो तीन घंटे तक चला। समूह ने दावा किया कि हमले में सबमशीन गन और हथगोले के अलावा चार आईईडी और एक कार बम का भी इस्तेमाल किया गया था।

इसने आगे दावा किया कि हमले में लगभग 50 हिंदू सिख और तालिबान सदस्य मारे गए थे और यह हमला एक भारतीय राजनेता द्वारा पैगंबर मोहम्मद के अपमान का बदला लेने के लिए किया गया था। हालांकि हमले में केवल दो लोग मारे गए और सात अन्य घायल हुए हैं।

बता दें कि भारत में अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। सभी धर्मों के सम्मान पर जोर देते हुए किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व का अपमान करने या किसी धर्म या संप्रदाय को अपमानित करने की निंदा करते हुए भारत ने कई बयान भी जारी किए थे। लेकिन उसके बावजूद कट्टरपंथियों की ओर से यह हमला किया गया।

प्रारंभिक इनपुट्स ने पता चला है कि गुरुद्वारे के गेट के बाहर एक विस्फोट हुआ जिसमें कम से कम दो लोग मारे गए। एक और विस्फोट बाद में परिसर के अंदर से सुना गया और गुरुद्वारे से जुड़ी कुछ दुकानों में आग लग गई। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए दृश्यों के अनुसार अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारा से पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को परिसर से निकाला गया। विजुअल्स में एक नंगे पैर सिख गुरु ग्रंथ साहिब को सिर पर ले जाते हुए देखा जा सकता है। सिख के पैरों में चप्पल या जूते भी नहीं है।

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में काबुल के कार्त-ए-परवान जिले के एक गुरुद्वारे में 15 से 20 आतंकियों ने घुसकर गार्डों को बांध दिया था। मार्च 2020 में काबुल के शॉर्ट बाजार इलाके में श्री गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारा में एक घातक हमला हुआ जिसमें 27 सिख मारे गए और कई घायल हो गए। इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।

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