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महामारी के दौरान विदेशों में फंसे 'अपनों' पर भारत सरकार ने खर्चे 45 करोड़

जयशंकर ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने समकक्षों और खाड़ी देशों के नेताओं के साथ 16 बार टेलीफोन पर बातचीत की है। इस दौरान मैं 13 बार खाड़ी देशों का दौरा कर चुका हूं। मेरे सहयोगी मुरलीधरन चार बार वहां जा चुके हैं।

कोरोना काल में भारत सरकार ने न​ सिर्फ सीमा रेखा के भीतर बसे बल्कि विश्व में फैले सभी भारतीयों का बेहद गंभीरता से ध्यान रखा है। इसका सबसे बड़ा उदाहण वंदे भारत मिशन है, जिसे खास महामारी की शुरुआत से ही भारत सरकार ने दुनिया में फंसे भारतीयों की घर वापसी के लिए शुरू किया था। बीते दिनों भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर ने विदेशों में बसे भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए सरकार के कामों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने पिछले दो वर्ष में महामारी के दौरान 45.78 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

लोकतांत्रिक जनता दल के सांसद एमवी श्रेयम्स कुमार के एक सवाल में जयशंकर ने राज्यसभा में बताया कि हमने अपने नागरिकों के कल्याण के लिए 45.78 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसका सबसे अधिक उपयोग उन भारतीयों के लिए किया गया है जो खाड़ी देशों में काम करते हैं। यह पैसा भारतीय समुदाय कल्याण कोष से लिया गया था।

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