आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने 200 करोड़ रुपये की मानवीय सहायता पैकेज की पहली खेप भेजी है। श्रीलंका में भारतीय दूत गोपाल बागले ने रविवार देर रात दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु से श्रीलंका के विदेश मंत्री गामिनी पेइरिस को यह सहायता दी। इस मानवीय सहायता में 9,000 मीट्रिक टन चावल, 50 मीट्रिक टन दूध पाउडर और 25 मीट्रिक टन से अधिक दवाओं की आपूर्ति शामिल हैं।
A message of care!!! From the people of 🇮🇳 to the people of 🇱🇰...High Commissioner handed over rice,milk powder& medicines worth more than SLR 2 billion to Hon'ble FM Prof.G.L Peiris in #Colombo today.Hon'ble Minister @nimaldsilva, @VajiraAbey, @SagalaRatnayaka, @S_Thondaman pic.twitter.com/WNDoSiQPjE
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) May 22, 2022
भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में कमजोर परिवारों के बीच वितरित किया जाएगा। श्रीलंका दिवालिया होने के करीब है और भोजन, ईंधन, दवाओं और रसोई गैस से लेकर टॉयलेट पेपर और माचिस की तीलियों तक जरूरी चीजों की भारी कमी से जूझ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सीमित स्टॉक खरीदने के लिए लोगों को लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है।
Commitment delivered!! Around 40000 MT of petrol under #Indian assistance reached #Colombo today. pic.twitter.com/3pz0zKKKcP
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) May 23, 2022
देश के नए प्रधानमंत्री ने पिछले हफ्ते कहा था कि पेट्रोल का स्टॉक देश में मात्र एक दिन के लिए बचा है, जिससे देश में आने-जाने की समस्या बढ़ गई और पेट्रोल स्टेशन पर लंबी लाइनें लग गईं। हालांकि भारत की ओर से क्रेडिट पर गैसोलीन के शिपमेंट सप्ताहांत में आने लगे।
श्रीलंका ने 2026 तक चुकाए जाने वाले 25 अरब डॉलर में से इस वर्ष देय लगभग 7 अरब डॉलर के विदेशी ऋण की अदायगी को निलंबित कर दिया है। देश का कुल विदेशी ऋण 51 अरब डॉलर है। वहीं भारत ने श्रीलंका को अलग से भोजन, दवा और ईंधन की खरीद के लिए ऋण के रूप में 3.5 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता भी दी है।