भारत सरकार ने अमेरिका के साथ मानव रहित प्रिडेटर ड्रोन का सौदा लगभग रद्द कर दिया है। भारतीय सेना अमेरिका से 30 ड्रोन खरीदने वाली थी। यह सौदा लगभग तीन अरब डॉलर का था। जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने इसकी जानकारी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय और पेंटागन को दे दी है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि भारत सभी तरह के हथियार और रक्षा उपकरण अब स्वदेशी तकनीक से ही तैयार करना चाहता है।
अमेरिका का प्रिडेटर ड्रोन सीमावर्ती क्षेत्रों में दुश्मन की हरकतों पर निगरानी के काम आता है। खुफिया जानकारी जुटाने के साथ यह ड्रोन दुश्मन के ठिकानों पर हमला भी कर सकता है। यह 35 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने इसी सात तीन फरवरी को ड्रोन आयात और मानव रहित वाहनों (UAV) के अधिग्रहण पर रोक लगा दी थी। हालांकि, रक्षा उद्देश्यों के लिए इसमें छूट का प्रावधान किया गया था।