Skip to content

रूस की दोस्ती भारत के काम आई, इस तरह बचा लिए 35,000 करोड़ रुपये

यूक्रेन पर युद्ध के बाद से ही पश्चिमी देशों ने मॉस्को से संबंध न रखने के लिए कई बार भारत पर दबाव डाला था लेकिन उसने इस दबाव की अनदेखी करते हुए देशहित में रूस से तेल खरीदना जारी रखा। इस कूटनीति के चलते भारत की रूस से मित्रता तो कायम रही ही, साथ ही उसने करोड़ों रुपयों को बचत भी कर ली।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से जहां एक तरफ शेष दुनिया ने रूस से दूरी बनाई, वहीं भारत ने अपने पुराने दोस्त का साथ नहीं छोड़ा। इसका भारत को लाभ यहे हुआ कि रूस ने उसे सस्ते दामों पर तेल मुहैया कराया जबकि दुश्मन देशों को रूसी मुद्रा में भी कच्चा तेल खरीदने पर विवश कर दिया। खबर है कि इसी दोस्ताना व्यवहार की मदद से भारत ने 35 हजार करोड़ रुपये की बचत की है।

Pump-jack mining crude oil with the sunset
एक रिपोर्ट बताती है कि जुलाई में भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद सबसे ज्यादा की और सऊदी अरब पिछड़ गया था। Photo by Zbynek Burival / Unsplash

मालूम हो कि यूक्रेन पर युद्ध के बाद से ही पश्चिमी देशों ने मॉस्को से संबंध न रखने को लेकर कई बार भारत पर दबाव डाला था लेकिन भारत ने पश्चिमी देशों के दबाव की अनदेखी करते हुए देश-हित में रूस से तेल खरीदना जारी रखा।

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest