फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर की गई जर्मनी की टिप्पणी पर भारत ने सख्त रवैया अपनाया है। मामले को लेकर भारत ने जर्मनी को सलाह के जरिए नसीहत दे डाली है। भारत ने कहा है कि देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता भली-भांति स्थापित है। बिना जाने-समझे की जाने वाली टिप्पणियां अनुपयोगी हैं, इनसे बचा जाना चाहिए।
भारत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह अपने आप में एक घरेलू मुद्दा है। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया चल रही है और मुझे नहीं लगता कि यह मेरे या किसी और के लिए उचित होगा कि विचाराधीन मामले पर टिप्पणी की जाए। भारत में अल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट के माध्यम से धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही भारत में मामला गर्माया हुआ है और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को पांच दिन की सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है।
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— Richard Walker (@rbsw) July 6, 2022
German foreign ministry on India's ongoing detention of journalist Mohammed Zubair
"India describes itself as the world’s largest democracy. So one can expect democratic values like freedom of expression and of the press to be given the necessary space there"
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जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि स्वतंत्र रिपोर्टिंग किसी भी समाज के लिए हितकारी है और उस पर प्रतिबंध चिंता का विषय हैं। कुछ कहने और लिखने पर पत्रकारों को न तो सताया जाना चाहिए और न ही उन्हे कैद करना चाहिए। जर्मनी के ग्लोबल ब्रॉडकास्टर डोएचे वैले (DW) के अनुसार अधिकारी ने यह भी कहा कि हम इस मामले से पूरी तरह वाकिफ हैं और नई दिल्ली में हमारा दूतावास इस पर करीब से नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा हम इस मामले पर यूरोपीय संघ के अपने साथियों के भी संपर्क में हैं। अधिकारी का कहना था कि यूरोपीय संघ की भारत के साथ मानवाधिकार को लेकर बातचीत है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता उन चर्चाओं का केंद्र बिंदु है।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है। इसलिए लोग उम्मीद कर सकते हैं कि अभिव्यक्ति की आज़ादी और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों को वहां जरूरी स्थान दिया जाएगा। जर्मनी के विदेश मंत्रालय की ओर से आई इस टिप्पणी के बाद ही भारत ने उसे नसीहत दी।