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भ्रष्टाचार पर क्या कोरोना ने लगाई है लगाम? आंकड़े कुछ यही कहते हैं

ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में भ्रष्टाचार पिछले एक साल में स्थिर रहा है। 86 फीसदी देशों के भ्रष्टाचार में पिछले 10 वर्षों में बहुत कम या कोई प्रगति नहीं हुई है।

भारत 2021 के वैश्विक भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक यानी CPI में 1 पायदान ऊपर बढ़कर 180 देशों में 85वें स्थान पर पहुंच गया है। साल 2021 में भारत का सूचकांक में स्थान 86वां था। वहीं भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का स्थान इस साल 16 पायदान गिर गया है। वैश्विक भ्रष्टाचार से निपटने के लिए गठित बर्लिन स्थित गैर-लाभकारी संगठन ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में भ्रष्टाचार पिछले एक साल में स्थिर रहा है। 86 फीसदी देशों के भ्रष्टाचार में पिछले 10 वर्षों में बहुत कम या कोई प्रगति नहीं हुई है। ऐसे में लगता है मानों कोरोना से जंग लड़ते हुए भ्रष्टाचार से निगाहें हट गई हैं।

भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में रैंक करने के लिए 0 से 100 के पैमाने का उपयोग किया जाता है जिसमें 0 अत्यधिक भ्रष्ट और 100 बहुत साफ है। इसमें भारत को ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल ने 40 अंक दिए गए हैं। हालांकि 2020 और 2021 में भारत 40 अंक के साथ ही 180 देशों में 86वें स्थान पर था। पाकिस्तान का स्थान इस साल वैश्विक भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में 16 पायदान नीचे गिर गया है।

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