भारत ऐसा देश है जहां आज भी परिवार की धारणा पूरी तरह से जिंदा है। व्यक्ति नहीं, परिवार ही भारतीय समाज का केंद्र है। इसलिए भारतीय चाहें दुनिया के किसी भी कोने में रहते हों, उनकी यादों से परिवार कभी ओझल नहीं होता। कोरोना महामारी के कारण जो प्रतिबंध लगाए गए उसकी वजह से विदेशों में रहने वाले आम भारतीय अपने परिवार से मिल नहीं पाए। लेकिन जैसे ही बंदिशों की दीवार ढहने लगी, भारत के लोग यात्रा पर निकल गए।
बात ऑस्ट्रेलिया की करें तो साल 2022 के पहले कुछ महीनों में यहां रहने वाले भारतीयों ने बड़ी संख्या में भारत की यात्रा की। इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन की जगह भारत जाना पसंद किया।

ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो (ABS) के अनुसार, फरवरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 20,400 ऑस्ट्रेलियाई निवासी भारत की यात्रा कर वापस लौटे। अमेरिका की बात करें तो इस दौरान यह संख्या 12,760 रही। वहीं, ब्रिटेन से लौटने वालों की संख्या भारत से लौटने वालों से आधे से भी कम महज 8,150 दर्ज की गई है। बताया गया है कि भारत की यात्रा करने वालों में अधिकांश लोग ऐसे हैं जो दो साल से कोरोना महामारी की वजह से अपने परिवार के लोगों से मिल नहीं पाए थे। महामारी के कारण ऑस्ट्रेलिया और भारत ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। कोरोना महामारी शुरू होने से पहले जनवरी 2020 में भारत से लौटने वाले अल्पकालिक नागरिकों की संख्या 88,390 थी।
कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के तेजी से प्रसार के बाद भारत से लौटने वाले नागरिकों पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार की तरफ से प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन अब जब तमाम तरह की बंदिशें हटा दी गई हैं। उड़ानों के लिए आकाश मार्ग पूरी तरह से खुल चुके हैं। ऐसे में भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने इस दौरान भारत की यात्रा की, जो वायरस से तबाह हुए अपने परिवारों से मिलने के लिए बेचैन थे।
भारत में जन्मे लगभग 721,000 अप्रवासी ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय प्रवासियों का औसत आयु समूह महज 35 साल है। इनमें मुख्य रूप से आईटी पेशेवर और छात्र शामिल हैं। जानकारों का कहना है कि इसलिए यह कोई बड़ा आश्चर्य नहीं है कि प्रतिबंध समाप्त होने के बाद ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच यात्रा एक बार फिर से तेज हो गई है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए व्यापार समझौते की वजह से भविष्य में ऑस्ट्रेलिया से भारत आने जाने वालों की संख्या में इजाफे की उम्मीद की जा रही है। जानकार पर्यटन, कारोबार में वृद्धि की भारी संभावना देख रहे हैं। इसकी वजह से यात्रियों की संख्या में कई गुणा बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।