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विदेशों में भारतीय कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के तहत लाने की तैयारी में मोदी सरकार

भारत सरकार का कहना है कि इससे हमें विदेशों में काम करने वाले भारतीय कर्मियों को श्रम कानून के तहत सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने में मदद मिलेगी। इस शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के श्रम मंत्री शामिल होंगे। भारत की ओर से श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव इसमें शिरकत करेंगे।

भारत सरकार आगामी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की महासभा के मौके का उपयोग विदेशों में काम कर रहे भारतीय नागरिकों के हित सुनिश्चित करने के लिए तैयारी कर रही है। सरकार सामाजिक सुरक्षा समझौतों के फ्रेमवर्क के तहत इन कर्मचारियों के कल्याण के लिए अधिक देशों के साथ द्विपक्षीय समझ स्थापित करने की पहल करेगी।

इस शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के श्रम मंत्री शामिल होंगे। भारत की ओर से श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव इसमें शिरकत करेंगे। यादव ने बुधवार को कहा था कि विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए भारत की ओर से अधिक से अधिक देशों के साथ समझौते करने के लिए प्रयास जारी हैं।

यादव ने कहा था कि सरकार अपने कल्याणकारी उपायों के माध्यम से ऐसे कामगारों की स्थिति को बेहतर करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम हर भारतीय के हित का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं।

फ्रेमवर्क के तहत ऑपरेशनल मैकेनिज्म  कुछ ऐसा है कि संबंधित देश भारतीय कर्मचारियों के प्रॉविडेंट फंड खातों की जानकारी उपलब्ध करानी होती है। भारत सरकार का कहना है कि इससे हमें विदेशों में काम करने वाले भारतीय कर्मियों को श्रम कानून के तहत सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने में मदद मिलेगी।

अभी तक इसे लेकर भारत ने 19 देशों के साथ समझौता किया है। इनमें कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, बेल्जियम, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और फ्रांस भी शामिल हैं। इसके अलावा ब्राजील के साथ भी समझौता हुआ है लेकिन अभी इसका प्रभाव में आना बाकी है।

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