संतोष
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कनाडा के साथ उत्पन्न हुए विवाद को सुलझाने की दिशा में भारत की सक्रियता का संकेत दिया। उन्होंने इस विवाद को लेकर कहा कि कनाडा के नागरिकों को वीजा जारी करने की प्रक्रिया फिर से शुरू करने को लेकर हम विचार कर रहे हैं। लेकिन इस दिशा में सबसे बड़ी समस्या कनाडा में हमारे राजनयिको की सुरक्षा से संबंधित है। अगर कनाडा सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर पूर्ण गारंटी देती है। इसके बाद हमें स्थिति अनुकूल लगती है तो हम वीजा सेवा को दोबारा शुरू कर सकते हैं।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा के साथ हम बेहतर रिश्तों के पक्षधर हैं। लेकिन कूटनीति में सबसे अहम राजनयिकों की सुरक्षा है। यह वियना संधि के अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। भारत को कनाडा की राजनीति में सक्रिय एक तबके के कदमों से समस्या उत्पन्न हो रही है। हम आशा करते हैं कि यह मामला जल्द सुलझ जाएगा।
हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि कनाडा प्रशासन की ओर से भारतीय कामकाज में अत्यधिक दखल के मामले भी सामने आए हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कनाडा में हमारे राजनयिक बिना किसी दबाव और डर के वीजा सेवा को दोबारा बहाल करने में सक्षम हो पाए। उन्होंने कहा कि कनाडा और भारत में राजनयिकों की संख्या को एक अनुपात में रखने का विषय वियना संधि के अंतर्गत ही है। जब हम एक देश से दूसरे देश की तुलना करते हैं। उस समय हमें यह भी देखना होगा कि एक देश के राजनयिक दूसरे देश में कितनी संख्या में है। इसके साथ ही हमें यह भी देखना होगा कि जिस देश को लेकर बात की जा रही है। वहां पर संबंधित दूसरे देश के कितने राजनयिक काम कर रहे हैं। राजनयिकों की समानता की मांग भारत ने नियमों के अंतर्गत ही उठाई है।