इंडिया फिलैंथ्रोपी एलायंस (IPA) ने ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी के सहयोग से अपने दूसरे इंडिया गिविंग डे के शुभारंभ की घोषणा की है। इसकी शुरुआत 2 अक्तूबर, गांधी जयंती से होगी और समापन 1 मार्च, 2024 को। इंडिया गिविंग डे संगोष्ठी ड्रेक्सेल में लेबो कॉलेज ऑफ बिजनेस में आयोजित की जा रही है।
संगोष्ठी में IPA के कार्यकारी निदेशक एलेक्स काउंट्स के अलावा इंडिया गिविंग डे के राष्ट्रीय सह-अध्यक्ष राज गुप्ता, इंडिया गिविंग डे सलाहकार वेंकटेश राघवेंद्र, इंडिया फिलैंथ्रोपी एलायंस बोर्ड के सदस्य सुमीत रावला और ड्रेक्सेल विश्वविद्यालय के छात्र नेता अपनी बात रखेंगे।
IPA का गठन महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर वर्ष 2019 में किया गया था। गठबंधन का लक्ष्य अमेरिका में ऐसे परोपकारी संगठनों का नेटवर्क तैयार करना है जो भारत में मानवीय और सामाजिक कार्यों के लिए संसाधनों का प्रबंध कर सकें।
इस वर्ष भी महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर गठबंधन अपना 24 घंटे का लक्ष्य-केंद्रित धन-संचय कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है। कार्यक्रम का घोषित उद्देश्य अमेरिका के दाताओं, विशेष रूप से भारतीय प्रवासियों को भारत में गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता और शिक्षा जैसे कार्यों के लिए अपना योगदान देने के लिए एक मंच पर एकत्र करना है।
अभियान के माध्यम से जुटाया गया दान एक ऐसे देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान है जो अपनी जबरदस्त आर्थिक प्रगति के बावजूद अब भी दुनिया के अधिकांश अन्य हिस्सों की तरह सामाजिक असमानताओं का सामना कर रहा है।
उदाहरण के लिए बीते कुछ समय में भले ही भारत की आर्थिक वृद्धि अभूतपूर्व रही है और देश 2030 तक इसके दम पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को लेकर उत्साहित है लेकिन भारत के कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 2005 में 32 प्रतिशत से घटकर 2021 में 19 प्रतिशत हो गई है।
ग्रामीण भारत में लड़कियों के उत्थान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक उनकी पहुंच को संभव बनाने के लिए अनेक संगठन अथक प्रयास कर रहे हैं और पहले इंडिया गिविंग डे से उन्हें काफी लाभ हुआ। सहगल फाउंडेशन ऐसा ही एक संगठन है जो गठबंधन के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है।
इंडिया गिविंग डे के माध्यम से सहगल फाउंडेशन ने अब तक 70,000 डॉलर से अधिक जुटाए हैं। यह राशि 7000 से अधिक लड़कियों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करने के लिए पर्याप्त है।