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श्रीलंका मामले पर भारत को दुनियाभर में बार बार क्यों देनी पड़ रही है सफाई?

श्रीलंका के साथ भारत के बेहतर संबंधों को बिगाड़ने की यह पहली नाकामयाब कोशिश नहीं है। इससे पहले 10 जुलाई को भी श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग को उन खबरों का खंडन करना पड़ा था जिसमें ये कहा गया था कि भारत सरकार श्रीलंका में अपने सैनिकों को भेज सकती है।

श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच भारत को एक ही हफ्ते के अंतराल में दो बार झूठी खबरों का खंडन करना पड़ा।

आज ही श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने सट्टा बाजार की उन खबरों को स्पष्ट रूप से खारिज किया है जिसमें ये कहा जा रहा था कि भारत ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश से बाहर निकलने में मदद की है। खबरों के मुताबिक गोटाबाया इस वक्त मालद्वीप में हैं और वह अपने पद से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटे पहले श्रीलंका छोड़कर भाग गए थे।

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