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पाक-चीन का विरोध खारिज, भारत ने कहा, लद्दाख में ही होंगी G-20 की बैठकें

जम्मू-कश्मीर में जी-20 की बैठकें आयोजित करने के भारत के प्रस्ताव पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी। उसने कहा था कि हमें उम्मीद है कि जी-20 के सदस्य देश जम्मू-कश्मीर की कानूनी स्थिति से पूरी तरह अवगत होंगे और प्रस्ताव का मिलकर विरोध करेंगे।

चीन और पाकिस्तान के विरोध को दरकिनार करते हुए भारत ने कहा है कि जी-20 की आगामी बैठकें लद्दाख में ही की जाएंगी। भारत इस साल 1 दिसंबर को इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। इसके बाद पहली बार देश में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। ये सम्मेलन 2023 में होंगे।

इससे पहले 23 जून को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जी-20 बैठकों पर विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। 

जम्मू-कश्मीर में जी-20 की बैठकें आयोजित करने के भारत के प्रस्ताव पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी। उसने कहा था कि हमें उम्मीद है कि जी-20 के सदस्य देश जम्मू-कश्मीर की कानूनी स्थिति से पूरी तरह अवगत होंगे और प्रस्ताव का मिलकर विरोध करेंगे। उसके सुर में सुर मिलाते हुए चीन ने भी पाकिस्तान का समर्थन करते हुए कहा था कि संबंधित पक्षकारों को एकतरफा कदम उठाकर स्थिति को जटिल बनाने से बचना चाहिए।

इसके बाद अब लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने आदेश जारी करके कहा है कि जी-20 की प्रस्तावित बैठक के मद्देनजर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (जी-20 सचिवालय के) के समन्वय से लद्दाख प्रशासन नोडल अधिकारियों के नामांकन को मंजूरी प्रदान करता है। इससे पहले, 23 जून को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जी-20 बैठकों पर विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। लद्दाख के संभागीय आयुक्त सौगत विश्वास और लद्दाख के उप-महानिरीक्षक शेख जुनैद महमूद इसके नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।

विदेश मंत्रालय में जी-20 सचिवालय के मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर जी-20 की बैठकों के आयोजन में सहयोग के लिए कहा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि जी-20 का अध्यक्ष बनने से भारत को अपने विचार दुनिया के सामने रखने और अपने विकास व सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करना का अनूठा अवसर मिलेगा। जी-20 बैठकों के आयोजन और इससे संबंधित अन्य कार्यों के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग और समर्थन की आवश्यकता होगी।

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