अमेरिका और फ्रांस के इंजनों से भारत देगा अपने लड़ाकू विमानों को रफ्तार!

भारत अब अमेरिका और फ्रांस की मदद से अपने निर्माणाधीन लड़ाकू विमानों को उन्नत बनाने की तैयारी में है। अपने भविष्य के फाइटर जेट प्रोजेक्टों के लिए वह इन देशों से इंजन तकनीक उपलब्ध कराने के लिए बातचीत कर रहा है। ये वार्ता मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत की जा रही है।

भारत अपने एडवांस एलसीए मार्क-2 विमानों के लिए इंजन की तलाश में है। फोटो साभार सोशल मीडिया

भारत अपने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) मार्क-2 और उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) में इन देशों के इंजनों को इस्तेमाल की संभावना पर विचार कर रहा है। इस दिशा में अमेरिकी और फ्रांसीसी कंपनियों के प्रस्तावों का मूल्यांकन कर रहा है। इसके तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, मूल्य और भारत में निर्माण जैसे मसलों पर बात की जा रही है। भारत चाहता है कि उसके पास सबसे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां होनी चाहिए जो लंबी अवधि में उसे अपनी भविष्य की परियोजनाओं में मदद करे।

अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी GE-414 इंजन की पेशकश कर रही है। इसे LCA मार्क-2 विमान के लिए सरकार ने सशर्त मंजूरी दी है। भारत की कोशिश है कि एलसीए मार्क-3 साल 2028 तक सेना में शामिल होने के लिए तैयार हो जाए। वहीं एएमसीए विमान की पहली उड़ान में करीब सात साल का समय लगने की संभावना है। दूसरा, Safran इंजन का प्रस्ताव पांचवीं और छठी पीढ़ी की तकनीकों के साथ AMCA विमान के सबसे उन्नत संस्करण के लिए है।

सूत्रों के हवाले से आई खबरों में कहा गया है कि दोनों पक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा से पहले इस मुद्दे को अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं। पीएम मोदी जून में अमेरिका की यात्रा पर आने वाले हैं। उसके बाद वह जुलाई मं फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस में हिस्सा लेने के लिए वहां जाएंगे।


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