भारत-कनाडा विवाद: अब कई मोर्चों पर डैमेज कंट्रोल में जुटे जूनियर ट्रूडो
आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर आधारहीन आरोप लगाकर बैकफुट पर पहुंचे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अब डैमेज कंट्रोल में जुट गये हैं। कनाडा के भारतीय और खासकर हिंदू समुदाय की परवाह-प्रदर्शन वाले उनके बयानों के अलावा भारत की इस मसले पर दिखाई गई सख्ती के बाद जूनियर ट्रूडो (जस्टिन ट्रूडो) की चुप्पी तो यही दर्शा रही है।
भारत सरकार ने देश से कनाडा के राजनयिकों की संख्या को कम करने का जो फरमान जारी किया था उस पर समय से पहले अमल के बाद से ही ट्रूडो खामोश हैं। अब अमेरिका की तर्ज पर कनाडा के पीएम ने अपना सारा ध्यान इजराइल-हमास टकराव पर लगा रखा है। अमेरिका को खुश रखने के लिए ही ट्रूडो की यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से लगातार बात हो रही है।
अपनी इन तमाम व्यस्तताओं को दर्शा कर ट्रूडो यही जताना चाह रहे हैं कि उन्होंने भारत के साथ अपने टकराव या विवाद को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। लेकिन ट्रूडो को विदेश नीति मोर्चे के अलावा घरेलू स्तूर पर डैमेज कंट्रोल की मुहिम तेज करनी पड़ेगी क्योंकि भारत-कनाडा विवाद का स्थानीय राजनीति में उन्हे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। भारत-कनाडा विवाद के कारण उनकी घर-बाहर दोनों जगह किरकिरी हुई है।
जहां तक भारत का सवाल है तो इस विवाद से उसे किसी भी स्तर पर हानि नहीं हुई है। न तो अर्थव्यवस्था को किसी तरह के नुकसान की आशंका अर्थशास्त्रियों ने जताई है और न ही व्यापार-वीजा के मामले में किसी तरह की शिथिलता देखने को मिली है। लेकिन कनाडा की राजनीति में ट्रूडो विपक्षी खेमे के साथ-साथ अपनी पार्टी में भी इस विवाद के कारण घिरे हुए हैं।
भारत के साथ अनावश्यक विवाद के चलते उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि भी धूमिल हुई है। क्योंकि भारत के हितैषी तमाम देश अब तक यह जान ही चुके हैं कि जूनियर ट्रूडो ने बगैर किसी सुबूत के भारत पर अनर्गल आरोप लगाया है। बल्कि निज्जर की हत्या में तो कई दिन पहले पाकिस्तान की आईएसआई का भी नाम आया था।
कनाडा में निज्जर की हत्या किसने की यह अलग बात है लेकिन इसकी आड़ में भारत पर कीचड़ उछालना ट्रूडो को भारी पड़ा है। इसीलिए अब वह अलग-अलग मोर्चों पर डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं। ट्रूडो के सामने इसके अलावा कोई रास्ता भी नहीं है।