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समुद्र में बढ़ते कचरे से निटपने के लिए साथ आए भारत, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2019 में बैंकॉक में आयोजित 14वें ईएएस में व्यापक भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने के एजेंडे की घोषणा की थी। बताया गया है कि भारत, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया ईएएस निर्णयों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्लास्टिक को पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। प्लास्टिक कचरे से पूरा विश्व परेशान है। नदी हो या महासागर, सभी जगह तेजी से प्लास्टिक का कचरा बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह से समुद्रों, नदियों का पानी काफी दूषित होता जा रहा है। नतीजतन, जलीय जीवों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है। पर्यावरण की रक्षा को लेकर भारत लगातार इस मुद्दे पर पूरे विश्व का ध्यान खींचता रहा है।

इसी मसले पर भारत सरकार ने इस महीने 14-15 फरवरी को एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के विशेषज्ञ भी शामिल हुए। इसका मकसद समुद्री प्लास्टिक कचरे पर ध्यान केंद्रित करते हुए इसका समाधान निकालने की दिशा में आगे बढ़ना था। समुद्री प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए आयोजित इस वर्चुअल कार्यशाला के माध्यम से इस विषय के दुनिया के अग्रणी विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, नीति विशेषज्ञता वाले अधिकारी, उद्योग, नवाचार और अनौपचारिक क्षेत्रों के प्रतिनिधि एक मंच पर आए।

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