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UN में भारत ने कहा, विभाजनकारी एजेंडे से प्रेरित हैं PAK और OIC के बयान

भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि लोकतंत्र और बहुलवाद दोनों को अपनाते हुए भारत ने व्यापक संवैधानिक ढांचे के तहत सभी धर्मों और संस्कृतियों के लिए सहिष्णुता और सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा दिया है।

Photo by Mathias Reding / Unsplash

भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैंगबर के खिलाफ की गईं भाजपा नेताओं की टिप्पणी पर सफाई भी दी और पाकिस्तान व इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) के बयानों को चुनिंदा आक्रोश कहते हुए खारिज कर दिया है। भारत ने साफ किया कि पाकिस्तान और ओआईसी के बयान विभाजनकारी एजेंडा पर आधारित हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने हेट स्पीच को लेकर अंतरराष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र महासभा में उच्च स्तरीय बैठक में बोलते हुए यह बात कही है।

तिरुमूर्ति ने कहा कि लोकतंत्र और बहुलवाद दोनों को अपनाते हुए भारत ने व्यापक संवैधानिक ढांचे के तहत सभी धर्मों और संस्कृतियों के लिए सहिष्णुता और सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा दिया है। किसी भी मसले को हमारे कानूनी ढांचे के भीतर निपटाया जाता है और हम बाहर से चुनिंदा आक्रोश को अस्वीकार करते हैं, खासकर जब वे किसी से प्रेरित होते हैं और उसके पीछे एक विभाजनकारी एजेंडा छुपा हुआ होता है जैसा कि हमने ओआईसी द्वारा भारत के खिलाफ संदर्भों को सुना।

दरअसल संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम ने अल्बानिया को छोड़कर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) समूह की ओर से UNGA के उच्च-स्तरीय कार्यक्रम में एक बयान देते हुए OIC द्वारा जारी किए गए हालिया बयान को याद किया, जिसमें भारत की भाजपा के दो पदाधिकारियों द्वारा पैगंबर के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी की आलोचना की गई थी।

बता दें कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत ओआईसी सचिवालय की अनुचित और संकीर्ण सोच वाली टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है। भारत सरकार सभी धर्मों का सर्वोच्च सम्मान करती है। बागची ने कहा था कि एक धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई थीं। वे किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। संबंधित निकायों द्वारा इन व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि लोकतंत्र और बहुलवाद के सिद्धांतों पर आधारित समाज विविध धर्मों और समुदायों को एक साथ रहने के लिए एक सक्षम वातावरण मुहैया करता है। आज दुनिया के प्रमुख धर्मों को मानने वालों का भारत में घर है जो भारत को अद्वितीय विविधता वाला देश बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत ने सदियों से सभी को शरण दी है। चाहे वे पारसी या यहूदी समुदाय से हों या फिर तिब्बती बौद्ध या हमारे अपने पड़ोस के कई लोग। गौरतलब है कि भारत में सत्तारूढ़ सरकार के दल भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं ने कथित तौर पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है।

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