सुकून से आसमान निहारने का शौक है तो लद्दाख की ये जगह आपके लिए है

अगर आपको आसमान में सितारों को निहारने का शौक है, लेकिन शहरों में प्रदूषण या अन्य वजहों से ऐसा नहीं कर पाते तो भारत के लद्दाख में एक ऐसी जगह हैं, जहां पर आप दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची खगोलीय वेधशाला के जरिए खूबसूरत आसमानी नजारे देख सकते हैं।

भारत सरकार ने दिसंबर 2022 में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के हानले गांव को भारत का पहला डार्क स्काई रिजर्व घोषित किया था। यानी ऐसी जगह जहां पर रोशनी बेहद कम होती है और आसमान बेहद साफ नजर आता है। अब सरकार ने पर्यटकों के लिए यहां एक बड़ी सुविधा का ऐलान किया है।

हानले गांव भारत-तिब्बत सीमा के नजदीक है। इस वजह से अभी तक विदेशी पर्यटकों को यहां की इजाजत नहीं मिलती थी। लेकिन हाल ही में सरकार ने विदेशी पर्यटकों को भी यहां पर घूमने की मंजूरी दे दी है। सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पर्यटकों को रात में हानले गांव में ठहरने की सुविधा भी दे दी है। इसका मतलब कि आप रात में हानले में रुककर साफ स्वच्छ आसमान में सितारों को निहार सकते हैं।

समुद्र तल से करीब 4500 मीटर की हैरान करने वाली ऊंचाई पर स्थित हानले में भारतीय खगोलीय वेधशाला है। इसे दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची ऑप्टिकल वेधशाला माना जाता है। यहां पर करीब दो मीटर व्यास की विशालकाय दूरबीन लगी है। इससे पर्यटक आसमान में दूर तक सितारों को निहार सकते हैं।

हानले लद्धाख के सबसे ऊंचाई वाले गांवों में से एक है। यहां की आबादी बहुत कम है। कुछ ही गांवों में रहने के ठिकाने उपलब्ध हैं। लेकिन इस सबके बीच हानले की अपनी अलग सुंदरता है। यहां हरियाली नहीं है। चारों तरफ पहाड़ हैं। रेत के ऊंचे टीले हैं। इसी वजह से यहां मौसम काफी कठोर रहता है, खासकर सर्दियों में। मई से सितंबर हानले की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है।

हानले में वेधशाला के अलावा भी कई चीजें हैं, जहां आप घूम सकते हैं। इनमें हानले मॉनेस्ट्री, फोटी ला दर्रा के अलावा उमलिंग ला भी घूम सकते हैं जहां दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क है।

कैसे पहुंचे?
हानले की लद्दाख के लेह शहर से दूरी लगभग 260 किलोमीटर है। यहां पर आप लोकल बस या फिर टैक्सी के जरिए जा सकते हैं। बस का सफर चुनें तो याद रखें कि इनकी संख्या बेहद कम है।